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Tuesday 2 October 2018 01:49:51 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारतीय लोकतंत्र प्रत्येक व्यक्ति को अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति देता है, लोकतंत्र में असहमति का स्वागत किया जा सकता है, लेकिन विघटन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उपराष्ट्रपति ने यह बात दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के रजत जयंती समारोह के राष्ट्रीय मानवाधिकार सम्मेलन में कही। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मानव अधिकार किसी व्यक्ति को राज्य या राष्ट्र के विरुद्ध बोलने की खुली स्वतंत्रता नहीं देते। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों को तभी समर्थन दिया जा सकता है, जब वे देश के नागरिकों के हितों के साथ सौहार्द कायम करते हैं। उन्होंने कहा कि हाल में मानव अधिकारों के दुरूपयोग देखने को मिले हैं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए मानव अधिकार समान हैं, इसलिए एक व्यक्ति के अधिकार दूसरे के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते। उन्होंने आतंकवाद की निंदा करते हुए कहा कि भारत ने आतंकवाद के कारण ही राजीव गांधी, इंदिरा गांधी तथा अनेक नेताओं, सांसदों और विधायकों को खोया है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की भी चर्चा की और कहा कि महिलाएं शक्तिस्वरूपिणी हैं, देश के निर्माण में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है और हमारे संविधान में लैंगिक समानता का सिद्धांत है। उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य समाज महिलाओं और बच्चों के प्रति हिंसा और भेदभाव को स्वीकार नहीं कर सकता। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मानव अधिकारों की रक्षा और सम्मान की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य की है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारत के मजबूत मानव अधिकार सुरक्षा ढांचे की सराहना करते हुए कहा कि इस ढांचे में स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका, मीडिया, सिविल सोसायटी और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारत ने संयुक्तराष्ट्र मानव अधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनेक समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। उपराष्ट्रपति ने मानव अधिकारों की रक्षा में एनएचआरसी की सराहना की और कहा कि एनएचआरसी को 1993 में जहां 496 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, वहीं आयोग को 2018 में 79,612 शिकायतें मिली हैं, इससे स्पष्ट होता है कि एनएचआरसी में देश के लोगों का विश्वास है। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।