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नई दिल्ली। वनस्पति वस्तुओं के आयातकों और निर्यातकों की मदद के लिए ऑनलाइन वनस्पति क्वारान्टाइन सेवा (परीक्षण के जरिए रोगी और कीटयुक्त वनस्पतियों को अलग करने की प्रक्रिया) को सोमवार को लॉन्च किया गया है। आयातक और निर्यातक अब ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं और ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। वे अपने आवेदन की प्रगति और मौजूदा स्थिति भी ऑनलाइन ही जान सकते हैं।
कृषि और सहकारिता विभाग के सचिव पीके बसु ने नई दिल्ली में यह सेवा लॉन्च करते हुए कहा कि यह सुविधा वनस्पति क्वारान्टाइन सूचना प्रणाली (पीक्यूआईएस) परियोजना का ही एक भाग है। इस मौके पर आयातकों और निर्यातकों के लिए ‘यूजर मैनुअल’ भी जारी किए गए। भारत में कृषि जिंसों या वनस्पति वस्तुओं के आयात का विनियमन वनस्पति क्वारान्टाइन (भारत में आयात का विनियमन) आदेश, 2003 के तहत किया जाता है, जो विनाशक कीट और पीड़क अधिनियम, 1914 के प्रावधानों के तहत जारी हुआ था। यह अधिनियम विदेशी कीट, रोग और खरपतवार को देश में आने से रोकने के लिए बनाया गया था।
विशिष्ट फाइटोसैनिटरी खतरों से बचने हेतु आयात परमिट (आईपी) की जरूरत उन जिंसों के आयात में पडती है, जिसके आयात हेतु वनस्पति क्वारान्टाइन आदेश की अनुसूचीVI के तहत अतिरिक्त घोषणा और विशेष शर्तों की जरूरत होती है। आयात के समय आयातित माल की जांच वनस्पति क्वारान्टाइन अधिकारी करते हैं और रिलीज आदेश (आरओ) के जरिए इसे छोड़ते हैं। दूसरी और, ये अधिकारी निर्यातित माल की जांच कर उसे फाइटोसैनिटरी प्रमाणपत्र देते हैं। वह प्रमाणित करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय वनस्पति सुरक्षा समझौता, 1951 के प्रावधानों के मुताबिक यह माल क्वारान्टाइन पीड़कों और रोगों से मुक्त है।
ऑनलाइन वनस्पति क्वारान्टाइन सेवा की लॉन्चिंग के साथ ही आयात परमिट और रिलीज आदेश के लिए आयातक ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। इसी प्रकार, आयातक पीएससी जारी करने के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। आवेदक अपने आवेदन की प्रगति और मौजूदा स्थिति ऑनलाइन जान सकते हैं, साथ ही जांच की तारीख और देयराशि भी मालूम कर सकते हैं। वनस्पति क्वारान्टाइन अधिकारी भी इस स्वचालित सेवा से तेजी से काम कर पाएंगे। इस प्रणाली से आयातकों और निर्यातकों को ज्यादा सक्षम और पारदर्शी सेवा भी उपलब्ध हो सकेगी।