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देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल मार्ग्रेट आल्वा ने कहा कि विश्वभर में जनसंख्या के अनुपात में सर्वाधिक वरिष्ठ नागरिक भारत में हैं। वरिष्ठ नागरिकों की कुल संख्या का 80 प्रतिशत हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्र में हैं, जहां वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों में उन्हें अनेक प्रकार की भावनात्मक और भौतिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसके समाधान के लिए ‘स्वाभिमान’ जैसे केंद्र और ‘ओल्ड एज होम’ बहुत सहायक हो सकते हैं। देहरादून के छावनी परिषद के सहयोग और गैर सरकारी संस्था ‘अनुग्रह’ के संयुक्त प्रयास से वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए संचालित स्वाभिमान केंद्र के एक कार्यक्रम में मार्ग्रेट आल्वा अपने पति निरंजन आल्वा के साथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं।
राज्यपाल ने छावनी परिषद के सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल और मनोरंजन केंद्र के रूप में ‘अनुग्रह’ की संचालित योग, व्यायाम, पुस्तकालय, परामर्श सत्र, आध्यात्मिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श शिविर जैसी अनेक गतिविधियों एवं सुविधाओं की उपलब्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां पर वृद्धों की देखभाल, उनके मनोरंजन और दूसरी अनेक गतिविधियों के माध्यम से उनके एकाकीपन को दूर करते हुए सम्मानित समय व्यतीत करने की व्यवस्था की गई है, जो सराहनीय है। राज्यपाल ने वरिष्ठ नागरिकों को एकाकी जीवन से उत्पन्न भावनात्मक असुरक्षा से बचाने के लिए प्रत्येक जिले में ऐसे केंद्र खोले जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं से भी अपेक्षित सहयोग लिया जा सकता है।
इस अवसर पर अनेक मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। ‘समाधान संस्था’ के सदस्यों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ‘सीनियर सिटीजन एक्ट’ की रोचक ढंग से जानकारी दी। राज्यपाल ने स्वाभिमान केंद्र को एक टेलीविजन और एक वाटर प्यूरीफायर भी प्रदान किया। कार्यक्रम में छावनी परिषद के अध्यक्ष ब्रिगेडियर कंवल कुमार, अनुग्रह संस्था की अध्यक्ष डॉ आभा चौधरी, उपाध्यक्ष राजकुमारी, अनुग्रह के संस्थापक सदस्य राकेश धवन सहित स्वाभिमान केंद्र के 150 से अधिक सदस्य और वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।