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बायोडीजल वाहन का पहली बार परीक्षण

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नई दिल्ली। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प़ृथ्‍वी विज्ञान मंत्री तथा सीएसआईआर के उपाध्‍यक्ष विलास राव देशमुख ने टवेरा (नियमित डीजल वाहन) उम्‍दा (बी100) सूक्ष्‍म ऐल्‍गल (शैवाल) बायोडीजल वाहन को नई दिल्‍ली में सीएसआईआर मुख्‍यालय से हरी झंडी दिखा कर परीक्षण के लिए रवाना किया। इस अवसर पर डीएसआईआर के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक प्रोफेसर समीर के ब्रहमचारी और पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव डॉ शैलेश नायक उपस्थित थे।
विलास राव देशमुख ने बताया कि एनएमआईटीएलआई परियोजना के विकास के अंतर्गत, समुद्री सूक्ष्‍म ऐल्‍गल से उम्‍दा बायोडीजल नियमित वाहन का 200 किलोमीटर परीक्षण चालन किया गया। यह विकास हमारे लिए काफी महत्‍वपूर्ण है, क्‍योकि जीवाश्‍म ईंधन दिन पर दिन कम हो रहा है। सूक्ष्‍म ऐल्‍गल बायोडीजल का उत्‍पादन एक सोलर सॉल्‍ट पैन में जोड़कर समुद्री सूक्ष्‍म ऐल्‍गल को लगाकर किया जाता है। यह पृथ्‍वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की भारतीय प्रौद्योगिकी लीडरशिप की नयी सहस्राब्दी पहल (सीएसआईआर-आईआर-एनएमआईटीएलआई) के अंतर्गत अप्रैल 2010 में शुरू की गई महत्‍वाकांक्षी परियोजना का नतीजा है।

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