स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
देहरादून। राज्य सभा सांसद तरूण विजय ने जलविद्युत परियोजनाओं का समर्थन करते हुए कहा है कि सीमित संसाधनों वाले उत्तराखंड के आर्थिक विकास के लिए जलविद्युत परियोजनाएं आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्वभर में ग्लोबल वार्मिंग पर चिंता व्यक्त की जा रही है। ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न उपायों पर विश्वभर में वैकल्पिक ऊर्जा तथा जल विद्युत को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि कार्बन उत्सर्जन में कमी लायी जा सके, इसलिए स्थानीय जनसंगठनों के समर्थन व पर्यावरण संबंधी स्वीकृति के बाद उत्तराखंड की निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं को रोकना उचित नहीं है।
तरूण विजय ने उत्तराखंड की जल विद्युत परियोजनाओं के संदर्भ में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक की सराहना करते हुए गंगा की पवित्रता, निर्मलता एवं पर्यावरण को बनाए रखते हुए जल विद्युत परियोजनाओं के सीमित व जन-मान्य जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि राज्य की नदियों में लगभग 30 हजार मेगावाट जल विद्युत की क्षमता है, जिसकी तुलना में मात्र 3600 मेगावाट का ही उत्पादन हो रहा है।
मीडिया को जारी अपने बयान में सांसद तरूण विजय ने कहा कि आज उत्तराखंड जहां विद्युत की कमी से त्रस्त है, वहीं आंख मूंदकर जल विद्युत परियोजनाओं को रोकने से यहां के आर्थिक विकास और रोजगार पर अत्यंत विपरीत असर पड़ेगा। हिमालयी एवं पर्वतीय छोटे राज्यों के आर्थिक विकास में यहां की जल धाराएं एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण संसाधन है। पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रदेश की 65 प्रतिशत वन भूमि राष्ट्र को पहले ही से समर्पित है जहां पर कोई आर्थिक गतिविधियां नहीं की जा सकती है, वास्तव में गंगा को मैदानी क्षेत्रों में प्रदूषण से मुक्त किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि गंगा हम सभी के लिए पूजनीय है, इसमें कोई मतभेद नहीं हो सकता है। मानव मात्र के कल्याण के लिए धरती पर अवतरित हुई मां गंगा से यदि उनकी संतान मानव जाति का कल्याण होता है तो उससे धर्म को ही बल मिलता है। गंगा की धारा अविरल रहे और विद्युत योजनाएं गंगा का पावन प्रवाह समाप्त न करें, तो विद्युत योजनाओं की इस नीति का हम समर्थन करेंगे। गंगा की पवित्रता एवं पर्यावरण का संरक्षण सुनिश्चित किया जाना सरकार का दायित्व है।