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अमर शहीद की प्रपौत्री की कोई सुनवाई नहीं

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इंदू सिंह और उसके बच्चे-indu singh and her children's

शाहजहांपुर। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की विधवा प्रपौत्री इंदू सिंह की पिटाई, उसकी झोपड़ी में आग लगा देने और फायरिंग करने के मामले में नामजद आरोपियों को पुलिस से खुला संरक्षण मिलने का गंभीर मामला काफी सुर्खियों में है। नामज़दों की हिम्मत देखिए कि वे पुलिस वालों के साथ जा जाकर पीड़िता को धमका रहे हैं। अफसरों से शिकायत करने का भी कोई असर नहीं हुआ है। अमर शहीद की प्रपौत्री और उसके मासूम बच्चे उसके साथ हो रही घटना से सहमे हुए हैं।
अमर शहीद ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री इंदू सिंह, शाहजहांपुर जनपद के थाना सिंधौली के पैना गांव में रहती है। उसके पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उसके छोटे-छोटे तीन बेटे हैं। उसकी त्रासदी देखिए कि घर-जमीन कुछ न होने के कारण वह गांव के ही एक व्यक्ति के खेत पर मढ़ैया डालकर रहने को मजबूर है। इंदू सिंह नरेगा मजदूर है, उसके नाबालिग बच्चों को भी पेट भरने के लिए खेतों में मजदूरी करनी पड़ती है। एक जून को गांव के ही दो दबंगों ने इंदू की पिटाई कर दी। फायरिंग भी की, इसके बाद दबंगों ने उसकी मढ़ैया में आग लगा दी, जिससे उसकी गृहस्थी का सारा सामान खाक हो गया।
पुलिस अधीक्षक के आदेश पर चार दिन बाद पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन कहा जाता है कि सत्तापक्ष के एक विधायक के दबाव के कारण पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है। आरोपी लोग गांव में पुलिस वालों के साथ ही घूमते और इंदू सिंह को खुलकर धमकाते हैं। पता चला है कि पुलिस इंदू सिंह पर समझौते का दबाव बना रही है, यह शिकायत भी पुलिस अधीक्षक से की गई, लेकिन कार्रवाई फिर भी नहीं हुई है।

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