स्वतंत्र आवाज़
word map

टेक्सास डालस में नवीन जिंदल सम्मानित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

नवीन जिंदल-navin jindal

नई दिल्ली। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक नवीन जिंदल को एक रंगारंग समारोह में अमेरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास डालस ने विशिष्ट ऐल्युमिनाए 2010 पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें जन सेवा में उनके योगदान, ज़िम्मेदार कार्पोरेट नागरिक और अपनी कंपनी को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने में उसका मार्गदर्शन करने के लिए दिया गया है। नवीन जिंदल भारतीय संसद के सदस्य भी हैं।
इस अवसर पर जिंदल ने कहा कि 'इतने उत्कृष्ठ संस्थान से ये पुरस्कार मिलना बहुत गौरव और सम्मान की बात है, देश और समाज के लिए शिक्षा रीढ़ की हड्डी के समान है, किसी भी देश की उन्नति और समृद्धि उसके युवा और शिक्षा पर निर्भर करती है, बदलाव लाने में युवा एक बहुत ही शक्तिशाली उत्प्रेरक होते हैं और अगर इनको ध्यान से तराशा जाए तो ये समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। आज विश्व जो गरीबी, भुखमरी, निरक्षरता, स्वास्थ्य और कई अन्य समस्याओं से जूझ रहा है उसके हल निकालने में युवा सहायक हो सकते हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि 'विश्व अब आर्थिक मंदी की चुनौतियों से उभर रहा है, मुझे विश्वास है कि इन चुनौतियों से सीख लेने के बाद, भविष्य में वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मज़बूत नींव रखी जाएगी, भारत ने आर्थिक मंदी के दौर में अपने आप को जिस तरह मजबूती से खड़ा रखा, पूरी दुनिया ने यह देखा है और ये एक अध्ययन का विषय बन गया है।'
नवीन जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसपीएल को वैश्विक अनुमोदित व्यापार पत्रिका फोर्ब्स ने अपने अक्टूबर संस्करण में एशिया की 50 कम्पनियों की सूची में सम्मिलित किया था। ये पहचान जिंदल के सक्रिय नेतृत्व के कारण मिली है जिसने एक अस्वस्थ कम्पनी को भारत की सबसे ज़्यादा प्रशंसित, कुशल और लाभप्रद संगठनों में बदल दिया।
जेएसपीएल 12 अरब यूएस डॉलर, ओपी जिंदल समूह, जो कि भारत की चौथी सबसे बड़ी कंपनी है, का एक भाग है। इस्पात, उर्जा, खनन, मूलभूत सुविधाओं में अपनी प्रतिष्ठित जगह बनाने के बाद, जेएसपीएल बड़े स्तर पर अब तेल, और गैस के क्षेत्रों में भी काम कर रहा है। जिंदल उन 25 भारतीयों में शुमार थे जिन्हें जेनेवा की विश्व आर्थिक मंच ने 2007 में बनी 250 ग्लोबल यंग लीडर्स की सूची में शामिल किया गया था।
नवीन जिंदल एक सांसद, एक सफल उद्यमी और खेलों के समर्थक हैं। उन्होंने सभी भारतीयों को अपने भवन में राष्ट्रीय झण्डा प्रदर्शित करने के अधिकार को लेकर लगातार एक दशक तक मुहिम चलाई थी। उनके इस अभियान ने भारत ध्वज संहिता 2005 में संशोधन लाने के लिए बाध्य कर दिया जिसमें नागरिकों को ये अनुमति दी गई कि वे रात्रि में भी स्मारकों पर ध्वज लहरा सकते हैं। इसे आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सफलतापूर्वक अभियान चलाया और भारतीय संसद की नियम समिति में ये बदलाव लाया गया कि बैठते वक्त सांसदों को राष्ट्रीय ध्वज को लेपल पिन की तरह प्रदर्शित करने की अनुमति मिले। जिंदल के एक और प्रयास से देश के सबसे प्रतिष्ठित सदन संसद में धूम्रपान को प्रतिबंधित किया गया। जिंदल विभिन्न मंत्रालयों की संसदीय समितियों के सदस्य भी हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]