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लखनऊ। मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने प्रदेश में साक्षर भारत मिशन 2012 योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को योजना के समयबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश दिये। मुख्य सचिव को एनेक्सी सभाकक्ष में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की कार्यकारिणी समिति की बैठक में सचिव बेसिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि साक्षर भारत योजना के अन्तर्गत प्रदेश के उन 66 जनपदों का चयन किया गया है, जहां वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर महिला साक्षरता दर 50 प्रतिशत से कम है। योजनान्तर्गत मुख्यतः 15+आयुवर्ग के निरक्षरों को बेसिक साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश में उपर्युक्त आयुवर्ग में 182 लाख निरक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है, जिसमें 26 लाख पुरूष एवं 156 लाख महिलाएं सम्मिलित हैं।
योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के 26 जनपदों-आगरा, अलीगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, देवरिया, इटावा, फतेहपुर, गौतमबुद्धनगर, गाजीपुर, हाथरस, झांसी, कन्नौज, कुशीनगर, महाराजगंज, मैनपुरी, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीर नगर, उन्नाव एवं वाराणसी का चयन किया गया है, जहां पूर्व में सतत शिक्षा कार्यक्रम संचालित था।
बैठक में बताया गया कि इन 26 जनपदों में बेसिक साक्षरता के अन्तर्गत 74 लाख 15+आयुवर्ग के निरक्षरों को बेसिक साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य है, जिसमें 63 लाख महिलाएं एवं 11 लाख पुरूष सम्मिलित हैं। इन 26 जनपदों की 20,012 ग्राम पंचायतों में एक-एक लोक शिक्षा केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसके माध्यम से बेसिक साक्षरता, नवसाक्षरों की साक्षरता बनाये रखने के कार्यक्रम, कौशल विकास के कार्यक्रम एवं अन्य विकास कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी।