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Wednesday 22 May 2019 06:25:51 PM
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने अपने अग्रिम पंक्ति के एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से आज सफलतापूर्वक ब्रह्मोस हवाई प्रक्षेपित मिसाइल छोड़ी। विमान से प्रक्षेपण आसानी से हुआ और मिसाइल जमीन पर लक्ष्य को सीधे मारने से पहले वांछित प्रक्षेपपथ पर चली गई। हवाई प्रक्षेपित 2.5 टन की ब्रह्मोस मिसाइल हवा से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर है। बीएपीएल ने इसका डिजाइन तैयार किया है और इसे विकसित भी किया है। भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली वायुसेना बन गई है, जो इस श्रेणी के जमीन पर हमला करने वाले समुद्र पर लक्षित 2.8 मैक मिसाइल को 22 नवंबर 2017 को सफलतापूर्वक छोड़ चुकी है।
भारतीय वायुसेना ने आज इस तरह के हथियार का दूसरी बार प्रक्षेपण किया है। विमान में ब्रह्मोस मिसाइल को जोड़ने की एक जटिल प्रक्रिया थी, क्योंकि विमान में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर में सुधार की आवश्यकता थी। भारतीय वायुसेना अपने अस्तित्व में आने के बाद से इस कार्य में लगी हुई है। विमान के सॉफ्टवेयर को विकसित करने का काम भारतीय वायुसेना के इंजीनियरों ने अपने हाथ में लिया है, जबकि एचएएल मैकेनिकल और इलेक्ट्रोनिकल सुधार करता है। भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ, बीएपीएल और एचएएल के समर्पित प्रयासों ने देश में ऐसे जटिल कार्यों को सफलतापूर्वक पूर्ण करने की क्षमता को साबित कर दिया है। ब्रह्मोस मिसाइल दिन अथवा रात तथा हर मौसम में भारतीय वायुसेना को समुद्र अथवा जमीन पर किसी भी लक्ष्य को सटीक निशाना बनाने की क्षमता प्रदान करती है।