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Wednesday 26 March 2025 02:16:12 PM
नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और निर्वाचन प्रबंधन संस्थान (आईआईआईडीईएम) नई दिल्ली में निर्वाचन आयुक्त डॉ विवेक जोशी केसाथ निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और बूथस्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। आगामी वर्षों में इन कार्यक्रमों में औसतन 10 मतदान केंद्रों पर एक बीएलओ के आधार पर 1 लाख से अधिक बूथस्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षित अधिकारी देशभर में बूथस्तर के अधिकारियों के पूरे नेटवर्क को मजबूत करने केलिए विधानसभा स्तर के मास्टर ट्रेनर्स का दल बनाएंगे, जो 100 करोड़ मतदाताओं और चुनाव आयोग केबीच संपर्क की प्रथम और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होंगे।
क्षमता निर्माण कार्यक्रम के पहले चरण में चुनाव वाले राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, वर्तमान में बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ इस दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, साथही बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के 24 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी और 13 जिला निर्वाचन अधिकारी भी इसमें भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम की योजना इस तरह से बनाई गई हैकि बूथस्तर के अधिकारियों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950, मतदाता पंजीकरण नियम-1960 और समय-समय पर जारी चुनाव आयोग के निर्देशानुसार उनकी भूमिकाओं एवं जिम्मेदारियों से परिचित कराया जाए और वे मतदाता सूचियों के त्रुटिरहित रूपसे अद्यतन करने केलिए प्रासंगिक फॉर्म भरने की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हों। उन्हें इस कार्य में सहायता केलिए सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी अनुप्रयोगों से परिचित कराया जाएगा। बीएलओ राज्य सरकार के अधिकारी होते हैं और जिला निर्वाचन अधिकारियों की स्वीकृति केबाद निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) इन्हें नियुक्त करते हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित रूपसे अद्यतन करने में जिला निर्वाचन अधिकारियों और बीएलओ की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए इस बातपर जोर दियाकि राज्य सरकारों को एसडीएम स्तर के या समकक्ष अधिकारियों को ईआरओ के रूपमें नामित करना चाहिए, उन्हें फिर वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए बीएलओ की नियुक्ति करनी चाहिए और जो उनके प्रभार केतहत मतदान केंद्र के सामान्य निवासी हों। ज्ञानेश कुमार ने उल्लेख कियाकि संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 20 के अनुसार केवल सामान्य रूपसे निर्वाचन क्षेत्रमें निवास करनेवाले 18 वर्ष से अधिक आयु के भारत के नागरिकों को मतदाता के रूपमें पंजीकृत किया जा सकता है। उन्होंने सभी सीईओ, डीईओ, ईआरओ को अपने-अपने स्तरपर सर्वदलीय बैठकें करने और मतदाता सूची को सही तरीके से अद्यतन करने सहित मतदाताओं केसाथ बातचीत में विनम्र रहने एवं अपने अधिकार क्षेत्रसे संबंधित मुद्दों को हल करने केलिए निर्देश दिए। उन्होंने ईआरओ या बीएलओ को चेतावनी भी दीकि उनके विरुद्ध किसीभी शिकायत पर उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।