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Tuesday 25 March 2025 04:47:38 PM
सिंगापुर। भारत और सिंगापुर केबीच समुद्री डिजिटलीकरण और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने वाले एक सहयोग आशय पत्र पर सिंगापुर के समुद्री एवं बंदरगाह प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी तेओ इंग दीह और भारत के पत्तन, पोत परिवहन व जलमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव आर लक्ष्मणन ने हस्ताक्षर किए हैं। इस अवसर पर जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और सिंगापुर के परिवहन मंत्रालय एवं पर्यावरण मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ एमी खोर भी मौजूद थे। सर्बानंद सोनोवाल ने दोनों देशों केबीच इसे हरित और डिजिटल समुद्री भविष्य केलिए ऐतिहासिक सहयोग बताया। समझौते केतहत दोनों पक्ष समुद्री डिजिटलीकरण और कार्बन उत्सर्जन में कमी परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे, इसमें प्रासंगिक हितधारकों की पहचान करना भी शामिल है। ये हितधारक सिंगापुर-भारत ग्रीन और डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर पर समझौता ज्ञापन के माध्यम से साझेदारी को औपचारिक बनाने की दिशा में काम करेंगे।
गौरतलब हैकि भारत सूचना प्रौद्योगिकी में अग्रणी है, इसमें हरित समुद्री ईंधन का प्रमुख उत्पादक और निर्यातक बनने की क्षमता है। सिंगापुर एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट और बंकरिंग हब के रूपमें गतिशील अनुसंधान और नवाचार प्रणाली का समर्थन करता है। सिंगापुर-भारत जीडीएससी की स्थापना होने पर दोनों देशों केबीच सहयोग बढ़ेगा और शून्य या लगभग शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों के विकास और डिजिटल समाधानों को अपनाने में तेजी लाने में मदद मिलेगी। जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री डॉ एमी खोर केसाथ सिंगापुर मैरीटाइम वीक में भाग लिया और भारत मंडप का संयुक्त रूपसे उद्घाटन किया, जहां भारत के समुद्री नवाचारों को प्रदर्शित किया गया है। सिंगापुर मैरीटाइम वीक में भारत मंडप दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष का जश्न मनाने केलिए एक आदर्श मंच है।