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Thursday 23 May 2019 03:47:16 PM
नई दिल्ली। जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और परमाणु ऊर्जा विभाग भारत सरकार ने कैंसर के क्षेत्र में साझा सहयोगपूर्ण अनुसंधान कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए एक समझौता किया है। सचिव डीबीटी डॉ रेणु स्वरूप और सचिव डीएई केएन व्यास ने कैंसर से निपटने के साझा लक्ष्य की दिशा में काम करने के प्रति एकजुटता व्यक्त की है। इससे कैंसर अनुसंधान के वर्तमान परिदृश्य में व्यापक बदलाव आने की संभावना है। डीएई का प्रतिनिधित्व उसके टाटा मेमोरियल सेंटर ने किया, जो भारतीय राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड की ओर से समन्वय केंद्र के रूपमें भी कार्य करता है।
यह समझौता विशेष रूपसे कैंसर के लिए की जाने वाली विभिन्न पहलों यथा-कैंसर अनुसंधान पर रणनीति बनाने और उसे प्राथमिकता देने, नई और किफायती तकनीकों का विकास करने, साझा नैदानिक परीक्षण डिजाइन करने और उनके लिए वित्तपोषण करने, ट्रांसलेशनल रिसर्च के लिए सहयोग करने, हस्तक्षेप, मानवशक्ति को प्रशिक्षण देने और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहयोग को मजबूती प्रदान करने में मदद करेगा। सहयोगपूर्ण अनुसंधान कार्यक्रमों और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों की पहचान और विकास करने तथा बड़े पैमाने पर जनता को जागरुक बनाने के लिए शोधकर्ताओं के साथ मिलकर काम करेंगे। संयुक्त नैदानिक फेलोशिप, नैदानिक अनुसंधानकार्य पद्धतियों और प्रोटोकॉल विकास पर गहन कार्यशालाओं जैसी विभिन्न गतिविधियां प्रशिक्षित मानवशक्ति का एक समुदाय बनाने की दिशा में काम करेंगी और अर्जित कौशल का उपयोग सर्वोत्तम तरीके से करने का मंच प्रदान करेंगी।