स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 25 May 2019 04:10:06 PM
लखनऊ। चिकित्सकों का कहना है कि लोग शुरुआती दौर में थायरायड रोग को समझ नहीं पाते हैं, क्योंकि इस बीमारी के कई लक्षण ऐसे हैं, जिनकी आदमी सीजनल सर्दी-जुकाम बुखार समझकर अनदेखी करता रहता है और वह एक समय बाद शरीर में गंभीर बीमारी का रूप धारण कर लेते हैं। अक्सर दिक्कत होती है-गले में सूजन, खाना निगलने में परेशानी, हाथ कांपना, ठंड अधिक लगती है तो इन परेशानियों को कदापि नज़रअंदाज़ नकरें, क्योंकि ये सारे लक्षण थायरायड रोग की तरफ इशारा कर रहे हैं। अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ एमडी डॉ मयंक सोमानी ने बताया कि अनियंत्रित माहवारी, वजन बढ़ना या थकान रहना, वजन घटना या बढ़ना, धड़कन तेज होना या अधिक पसीना आना, घेंघा रोग, आवाज़ में बदलाव भी थायरायड के कारण होते हैं।
डॉ मयंक सोमानी ने बताया कि थायरायड की गोली हमेशा खाली पेट खानी चाहिए और खाने के आंधे घंटे के बाद तक कुछ नहीं खाना है, यदि किसी दिन दवा लेना भूल जाएं तो उस दिन की गोली बाद में भी ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में चार करोड़ से ज्यादा मरीज थायरॉयड विकार से ग्रस्त हैं। उन्होंने बताया कि थायरॉयड विकारों में सबसे आम हाइपोथायरायडिज्म है, जोकि 25 में से 1 से 10 में से 1 को प्रभावित करता है। थायरॉयड ग्रंथि जब शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त थायरॉयड हॉर्मोन नहीं बना पाती है, तब हाइपोथायरायडिज्म होता है, यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करता है।
डॉ मयंक सोमानी ने बताया कि हाइपोथायरायडिज्म के विभिन्न लक्षण हो सकते हैं, जैसे उदासी, थकान, बालों का झड़ना, सर्दी, कब्ज़, खीची त्वचा, सेक्स इच्छा में कमी, बांझपन और वज़न में वृद्धि। उनकी सलाह है कि 35 साल के ऊपर हर व्यक्ति को थायरॉयड की जांच करवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि डायबिटीज और हार्टडिसीज के बाद यह सबसे ज्यादा संभावित बीमारी है, आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज के समय थायरॉइड का खतरा ज्यादा रहता है और अक्सर पाया गया है कि वो इस बीमारी के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेती हैं, क्योंकि कई बार तो वो इसे समझ ही नहीं पाती हैं।