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Tuesday 4 June 2019 05:39:39 PM
देहरादून। दून विश्वविद्यालय की एनसीसी बालिका वाहिनी 11वीं बटालियन के 'बी' प्रमाणपत्र वितरण समारोह में उत्तराखंडवीं बटालियन की मेजर संतोष ने कहा है कि एनसीसी 'सी' प्रमाणपत्र धारकों के लिए सशस्त्र सेनाओं में अफसर बनने की असीम संभावनाएं हैं और उन्हें किसी प्रकार की लिखित परीक्षा को उत्तीर्ण करने की आवश्यकता भी नहीं है, वे एनसीसी के सी प्रमाणपत्र के आधार पर सशस्त्र सेनाओं के किसी भी अंग में सैन्य अधिकारी बनने हेतु सीधे साक्षात्कार में शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि एनसीसी प्रशिक्षण में ए, बी तथा सी तीन प्रकार के प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं और इसमें सी प्रमाणपत्र सर्वोच्च होता है। मेजर संतोष ने कहा कि वो खुद भी एक एनसीसी कैडेट रही हैं और उसी के आधार पर इस मुकाम पर पहुंची हैं।
मेजर संतोष ने कहा कि एनसीसी कैडेट्स के अनुशासन को काफी सराहा जाता है, जिस कारण अन्य अभ्यर्थियों के मुकाबले सैन्य अधिकारी चयन में एनसीसी कैडेट्स के चयन होने की असीम संभावनाएं रहती हैं, क्योंकि वे प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन के वातावरण से परिचित होते हैं। इस अवसर पर दून विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सीएस नौटियाल ने कहा कि दून विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स ने पिछले एक वर्ष के अंतराल में काफी कार्यक्रमों का संचालन किया है, जो उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक होगा। उन्होंने सभी सफल कैडेट्स को बधाई और भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनकी जिम्मेदारी सिर्फ प्रमाणपत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका यह प्रशिक्षण जिम्मेदारीपूर्वक कर्तव्य पालन एवं चरित्र निर्माण की एक उल्लेखनीय पाठशाला जैसा है। उन्होंने भविष्य में दून विश्वविद्यालय में पुरुष वाहिनी के गठन की सहमति प्रदान की। डॉ स्मिता त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय बालिका वाहिनी के वर्षभर की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। स्टूडेंट वेलफेयर के डीन प्रोफेसर एचसी पुरोहित ने भी कैडेट्स को सफलता पर शुभकामनाएं दीं। एनसीसी कैडेट सलोनी भटट् ने धन्यवाद ज्ञापित किया।