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Saturday 8 June 2019 02:11:57 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने प्रथम विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के कार्यक्रम में नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि ‘सही खाओ’ मुहिम को जन भागीदारी के साथ उसी तरह जन आंदोलन का रूप दें, जिस प्रकार हम सबने एकजुट होकर भारत को पोलिया मुक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि अनाज हर किसी का उत्तरदायित्व है-अनाज का एक भी दाना बर्बाद नहीं करने का संकल्प लें तथा अपने स्तर पर और अपने संस्थानों में खाद्य सुरक्षा में योगदान देना सुनिश्चित करें, इससे ग़रीबी, भूख और कुपोषण को जड़ से मिटाने में मदद मिलेगी। विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस का विषय है ‘खाद्य सुरक्षा सभी का सरोकार’ है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के विजन में स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और पोषण शामिल है। उन्होंने अपने मन की बात में एफएसएसएआई के ‘सही खाओ अभियान’ के महत्व को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि तंदुरूस्ती का आशय केवल रोगों और दुर्बलता की गैर मौजूदगी नहीं है, बल्कि शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक कल्याण है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने एफएसएसएआई के परिसर में गांधीजी कीप्रतिमा ‘साईकिल पर गांधीजी’ का भी अनावरण किया। उन्होंने कहा कि अब जबकि हम बापू की 150वीं जयंती मना रहे हैं, ऐसे में यह प्रतिमा अच्छी सेहत के प्रति उनकी यात्रा का प्रतीक है और यह निरंतर लोगों को स्वास्थ्य की अच्छी आदतें ग्रहण करने के लिए प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि भोजन और स्वास्थ्य के प्रति बापू का दर्शन आज भी प्रासांगिक है, वह स्वास्थ्य लाभ के लिए सादे, साबूत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, नियमित उपवास और शारीरिक अभ्यास के पक्षधर रहे। यह एफएसएसएआई की स्वस्थ भारत यात्रा का प्रेरक तत्व भी है। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लोगों को गांधीजी के संदेश का पालन करना चाहिए, कम खायें, सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन ग्रहण करें तथा भोजन की बर्बादी न करे और अतिरिक्त खाद्य सामग्री को वितरित करे। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस संदेश को अधिकतम प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है और इसे एक जनांदोलन बनाना चाहिए।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि स्वच्छ भोजन से शरीर, मस्तिष्क तथा विचारों एवं कार्यों में स्वच्छता आएगी, इसके लिए सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन के प्रति लोगों में जागरुकता की आवश्यकता है और समाज पर प्रभाव के लिए लोगो की भागीदारी महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वर्ष 2018-19 के लिए सम्मानित किया। सम्मान प्राप्त करने वाले राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं-चंडीगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु। एफएसएसएआई ने राज्यों के सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराने के प्रयासों के संदर्भ में पहला राज्य खाद्य सुरक्षा इंडेक्स विकसित किया है। इस इंडेक्स के माध्यम से खाद्य सुरक्षा के पांच मानदंडों पर राज्यों का प्रदर्शन आंका जाएगा, इन श्रेणियों में हैं-मानव संसाधन और संस्थागत प्रबंधन, कार्यांवयन, खाद्य जांच अवसंरचना और निगरानी, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण तथा उपभोक्ता सशक्तिकरण। श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य हैं-बिहार, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तर प्रदेश। कई नगरों में तीसरे पक्ष को जांच और प्रशिक्षण प्रक्रिया के पश्चात ‘स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब’ का प्रमाणपत्र दिया गया है।
स्वर्ण मंदिर स्ट्रीट अमृतसर को भी स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब की मान्यता दी गई है। डॉ हर्षवर्धन ने नए युग का हाथ से पकड़कर और बैट्री से चलने वाले ‘रमन 1.0’ उपकरण का शुभारंभ भी किया। यह उपकरण खाद्य तेलों, वसा और घी में की गई मिलावट का एक मिनट से भी कम समय में पता लगाने में सक्षम है। एक बार बैट्री चार्ज होने पर यह उपकरण 250 से अधिक नमूने का परीक्षण करके एक स्मार्ट डिवाइस का उपयोग करके कलाउड पर डेटा एकत्र कर सकता है, यह ऐसे 19 उपकरणों और विधियों में से एक है, जिसे एफएसएसएआई में देश में खाद्य परीक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए वैकल्पिक रूप से अनुमोदित किया है। स्कूलों तक खाद्य सुरक्षा का मुद्दा ले जाने के लिए डॉ हर्षवर्धन ने ‘फूड सेफ्टी मैजिक बॉक्स’ नवाचारी समाधान की शुरुआत की है, अपने आप ही खाने में मिलावट की जांच करने वाली इस किट में एक मैनुअल और एक उपकरण लगा है। यह किट स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए भी लाभदायक है। दिल्ली खाद्य सुरक्षा विभाग की सहायता से दिल्ली में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी स्कूलों को 20 किट बांटे गए थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने आईआईटी, गांधीनगर, आईआईटी रूड़की, एलबीएसएनएए मसूरी, यूनीलिवर बैंग्लुरू, विप्रो बैंग्लुरू, एचसीएल नोएडा और जेनपैक्ट गुरुग्राम को उनके अनुकरणीय मानकों के लिए सम्मानित किया। यह कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए समुदाय स्तर पर मान्यता देने के लिए आयोजित किया गया था। एफएसएसएआई ने विश्वविद्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों, कार्यस्थलों, रक्षा, अर्ध सैनिक प्रतिष्ठानों, अस्पतालों और जेलों जैसे 7 परिसरों को ‘ईट राइट कैम्पस’ के रूपमें घोषित किया है। एफएसएसएआई ने खाद्य कंपनियों और व्यक्तियों के योगदान को पहचान देने के लिए ईट राइट एवार्ड की स्थापना की, ताकि नागरिकों को सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य विकल्प चुनने में सशक्त बनाया जा सके। इससे उनके स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार लाने में मदद मिलेगी। इस आंदोलन को सफलता दिलाने में योगदान देने वाले सभी हितधारकों के सम्मान स्वरूप स्वास्थ्य मंत्री ने इस अभियान के बारे में स्मारक पुस्तक जारी की।
एफएसएसएआई की एक वेब-रिसोर्स ऑनलाइन लाइब्रेरी का भी शुभारंभ किया गया। यह पुस्तकालय खाद्य मिलावट, संतुलित आहार लेने और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के बारे में सूचनात्मक और दिलचस्प वीडियो पोस्ट करता है। इन्हें www.fssai.gov.in/videolibrary पर देखा जा सकता है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य परिवार कल्याण सचिव प्रीति सूदन, एफएसएसएआई की अध्यक्ष रीता तेवतिया,एफएसएसएआई के सीईओ पवन अग्रवाल, डीजीएचएस से डॉ वेंकटेशऔरखाद्य सुरक्षा अधिकारी और खाद्य व्यापार संचालक भी उपस्थित थे।