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Monday 10 June 2019 04:27:08 PM
फुकुओका/ नई दिल्ली। भारत सरकार में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने जापान के फुकुओका में 8-9 जून 2019 के दौरान जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बैठक एवं इससे संबद्ध कार्यक्रमों में भाग लिया। उनके साथ वित्त एवं आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष सी गर्ग, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के उपगवर्नर डॉ विरल आचार्य और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर डिजिटल अर्थव्यवस्था कंपनियों के मुनाफे पर कर लगाने के लिए सही तरीका तय करने और लाभ आवंटन समाधान के मुद्दे को ठीक करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बेस इरोजन एंड प्रॉफिट शिफ्टिंग, डिजिटल अर्थव्यवस्था की कर चुनौतियों और जी-20 के तत्वावधान में सूचना के आदान-प्रदान सहित कराधान एजेंडा के तहत की गई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना करते हुए इन कार्यों को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए जापान की अध्यक्षता को बधाई दी।
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न कर चुनौतियों पर काम अगले साल होने वाले जी-20 के नवीनीकरण के साथ एक नाजुक दौर में प्रवेश कर रहा है। इस संबंध में उन्होंने किसी देश की अर्थव्यवस्था के साथ अपने उद्देश्यपूर्ण और निरंतर संपर्क के साक्ष्य को ध्यान में रखते हुए व्यवसायों की महत्वपूर्ण आर्थिक उपस्थिति की अवधारणा पर आधारित संभावित समाधान का पुरजोर समर्थन किया, जिसका भारत और जी-24 सहित बड़ी संख्या में देशों ने समर्थन किया है। निर्मला सीतारमण ने वैश्विक आधार पर वित्तीय खाते की जानकारी के स्वचालित आदान-प्रदान के शुरु होने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 2018 में लगभग 90 संस्थानों ने सफलतापूर्वक वित्तीय खाते की सूचना का आदान-प्रदान किया, इससे यह सुनिश्चित होगा कि कर चोरी करने वाले कर प्रशासन से अपने विदेशी वित्तीय खातों को छिपा नहीं सकेंगे। उन्होंने वैश्विक मंच से आग्रह किया कि वे विकासशील देशों और वित्तीय केंद्रों सहित क्षेत्राधिकारों की पहचान कर स्वचालित आदान-प्रदान नेटवर्क का और विस्तार करें।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि गैर आज्ञाकारी क्षेत्राधिकारों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है, इस संबंध में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से रक्षात्मक उपायों के एक टूलकिट पर सहमति व्यक्त करने के लिए कहा, जिसका इस्तेमाल इस तरह के गैर अनुपालन वाले क्षेत्राधिकारों के खिलाफ किया जा सकता है। निर्मला सीतारमण ने अंतर्राष्ट्रीय कराधान पर मंत्रिस्तरीय संगोष्ठी में भाग लिया और सत्र में कर चोरी रोकने के लिए चल रहे वैश्विक प्रयासों पर बात की। उन्होंने उन भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात उठाई, जो कानून से बचने के लिए अपने देशों से भाग जाते हैं। उन्हेंने भारत में पारित भगोड़े आर्थिक अपराधियों के कानून के बारे में जानकारी दी, जिसमें भगोड़े के देश लौटने तक अदालतों तक उन्हें पहुंच से वंचित करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यह कानून भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने और उन्हें बेचने से रोकने का भी प्रावधान करता है। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसे आर्थिक अपराधियों को कानून का सामना कराने के लिए निकट सहयोग और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक चालू खाता असंतुलन पर जी-20 को कड़ी नज़र रखने की जरूरत है, ताकि अत्यधिक वैश्विक अस्थिरता और तनाव से बचाव सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि वैश्विक असंतुलन ने उभरते बाजारों के विकास पर एक हानिकारक प्रभाव छोड़ा है, कुछ उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की एकपक्षीय कार्रवाई से इन अर्थव्यवस्थाओं में निर्यात और निवेश के आवक में इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने जी-20 से अंतर्राष्ट्रीय तेल बाज़ार में उतार-चढ़ाव से बचने और उन उपायों का अध्ययन करने का आग्रह किया, जिससे तेल निर्यातक और आयातक दोनों देशों को लाभ पहुंचाया जा सके। निर्मला सीतारमण ने फुकुओका में एफएमसीबीजी बैठक के इतर ब्रिटेन के चांसलर फिलिप हम्मोद के साथ द्विपक्षीय बैठक की और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में नजदीकी सहयोग के लिए किए गए प्रयासों पर चर्चा की। बैठक में कर संबंधी मुद्दों पर दोनों देशों ने आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।