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Tuesday 11 June 2019 06:05:22 PM
नई दिल्ली। हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा, विश्व व्यापार और अनेक देशों की आर्थिक समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। समुद्र में गतिविधियों का पैमाना, क्षेत्र और बहुराष्ट्रीय स्वरूप समुद्रीय सुरक्षा के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण की जरूरत को दर्शाता है। इसे ध्यान में रखते हुए सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र का दिसंबर 2018 में रक्षामंत्री ने उद्घाटन किया था। ऐसा इस क्षेत्र में समुद्रीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए किया गया है। इस केंद्र ने 16 से अधिक देशों और 13 अंतर्राष्ट्रीय समुद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ संबंध स्थापित किए हैं। गौरतलब है कि हिंद महासागर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा समुद्र है और पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पानी का लगभग 20 प्रतिशत भाग इसमें समाहित है। यह दुनिया में रणनीतिक रूपसे बहुत महत्वपूर्ण है।
समुद्रीय सूचना साझा करने के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को साझा करने में सहायता प्रदान करने और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्रीय सुरक्षा चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने के लिए भारतीय नौसेना आईएफसी-आईओआर में 12 से 13 जून तक समुद्रीय सूचना साझाकरण कार्यशाला की मेजबानी कर रही है। लगभग 30 देशों के प्रतिनिधि इस कार्यशाला में भागीदारी करेंगे। कार्यशाला में भागीदार देशों के विषय-वस्तु विशेषज्ञ समुद्री डकैती, मानव और मादक पदार्थों की तस्करी तथा इन चुनौतियों से निपटने के लिए कानूनी पहलुओं के बारे में संवादमूलक सत्र आयोजित करेंगे। कार्यशाला में सूचना साझा करने पर भी महत्वपूर्ण विचार-विमर्श होगा। भारतीय नौसेना के उप प्रमुख कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे।