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Wednesday 12 June 2019 04:07:16 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी आम बजट 2019-20 के संबंध में विभिन्न हितधारकों के साथ बजट पूर्व विचार-विमर्श किया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2014 से ही उद्योग से संबंधित अनेक पहलों की शुरुआत की हुई है, जिससे समग्र व्यापार माहौल में महत्वपूर्ण सुधार आया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों को सरल और विवेकपूर्ण बनाने के बारे में ज्यादा जोर दिया गया है, शासन को अधिक प्रभावी और निपुण बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी की शुरुआत की गई है, इसके परिणामस्वरूप भारत 190 देशों में अपनी स्थिति सुधार कर 77वें पायदान पर आ गया है, भारत विश्व बैंक व्यापार रिपोर्ट 2019 के अनुसार 2018 की व्यापार रिपोर्ट में 23वें पायदान पर है।
वित्तमंत्री ने उल्लेख किया कि भारत के कुल कार्यबल का 24 प्रतिशत हिस्सा औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत है, इसलिए जनसांख्यिकीय लाभांश का पूरा लाभ उठाने के लिए उद्योग को अधिक से अधिक कार्यबल को समायोजित करने में समर्थ होना चाहिए। भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से उद्योग सेवा और व्यापार क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने औद्योगिक क्षेत्र, भूमि सुधार, विशेष आर्थिक क्षेत्र, औद्योगिक नीति, अनुसंधान और विकास में निवेश, कर शासन के सरलीकरण, पर्यटन क्षेत्र की संभवानाओं को बढ़ाने, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, वस्तु और सेवा कर, पूंजीलाभ कर, कॉरपोरेट कर एमएसएमई क्षेत्र, ई कॉमर्स, कौशल विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र, स्टार्टअप्स, मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र तथा खाद्य विनिर्माण उद्योग के बारे अनेक सुझाव दिए। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हितधारकों से कृषि और ग्रामीण विकास पर भी विचार-विमर्श किया। वित्तमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक बुनियादी ढांचा को बढ़ावा देने के उपायों और कृषि संबद्ध क्षेत्रों के साथ-साथ गैर-कृषि क्षेत्र के माध्यम से बेरोज़गारी और ग़रीबी उन्मूलन के तरीकों पर जोर दिया।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र की चिंताएं मौजूदा सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व पर जोर दिया, ताकि इन क्षेत्रों से संबंधित उनकी विशेष जरूरतों पर भी विचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय समुद्रीय संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करके नीली क्रांति लाने के लिए मछली पालन क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक आधार पर विचार-विमर्श आयोजित करेगा। वित्तमंत्री ने स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वे कृषि बाज़ार में विभाजन को रोककर कृषि उत्पादों के लिए लाभकारी बाज़ार उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादों को उचित मूल्य पर अंतिम उपभोक्ता तक आपूर्ति करने में मदद कर सकते हैं। बैठक में कृषि अनुसंधान और विस्तार सेवाएं, ग्रामीण विकास, गैर-कृषि क्षेत्र, बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन, मछली पालन और कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स के बारे में विचार-विमर्श हुआ। कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने कृषि क्षेत्र में निवेश तथा किसानों के लिए बाज़ार पहुंच को बढ़ावा देने के बारे में विभिन्न सुझाव दिए। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सुधार लाने तथा गैर-कृषि क्षेत्र प्रौद्योगिकी गहन प्रक्रियाओं की शुरुआत करने के बारे में भी सुझाव दिए।
बजट पर विचार-विमर्श में हितधारकों ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा को तीसरी फसल के रूपमें माना जाए, जमीन में कार्बन तत्व की स्थिति में सुधार लाने के लिए ऑर्गेनिक खाद के उपयोग को प्रोत्साहित तथा लोकप्रिय बनाए जाने, कृषि उत्पादक संगठनों से संबंधित जीएसटी मुद्दों का समाधान करने, सीमावर्ती जिलों में कृषि प्रसंस्करण इकाइयों के लिए प्रोत्साहन राशि तथा कृषि केंद्रों में अनुसंधान विकास के लिए निवेशों में बढ़ोतरी करने के बारे में सुझाव दिए। कृषि विश्वविद्यालयों में खाली पदों को भरने, सूक्ष्म सिंचाई और सौर पंपों में निवेश बढ़ाने, कृषि बाज़ार सुधार लागू करने वाले राज्यों को वित्तीय प्रोत्साहन देने, रोज़गार पैदा करने और ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने, कृषि उपकरणों के लिए समूहों का सृजन करने और गैर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी ग्रामीण स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने, डेयरी क्षेत्र और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सुधार लाने के बारे में भी महत्वपूर्ण सुझाव आए।
बजट पर बैठक में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, नीति आयोग के सदस्य डॉ रमेश चंद्र, वित्त सचिव सुभाष सी गर्ग, व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, राजस्व सचिव अजयनारायण पांडे, डीएफएस सचिव राजीव कुमार, कृषि और सहकारिता मंत्रालय में सचिव संजय अग्रवाल, ग्रामीण विकास विभाग में सचिव अमरजीत सिन्हा, सचिव डीएआरई और महानिदेशक कृषि अनुसंधान परिषद डॉ त्रिलोचन मोहपात्रा, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ केवी सुब्रमनियन, कृषि मंत्रालय में एडीएफ सचिव तरुण श्रीधर, मछलीपालन विभाग की सचिव रजनी सेखरी सिब्बल, सीबीडीटी के चेयरपर्सन प्रमोद चंद्र मोदी, डीआईपीएएम सचिव, पर्यटन सचिव योगेंद्र त्रिपाठी, सूचना और प्रसारण मंत्रालय सचिव अमित खरे, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक, वाणिज्य विभाग में सचिव अनूप वधावन तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।