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Thursday 13 June 2019 12:38:19 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने नई दिल्ली में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस-2019 पर बाल श्रमिकों के बचाव और उनके पुनर्वास के लिए मानक संचालन प्रक्रिया पर राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला को संबोधित किया, जिसका आयोजन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने किया था। स्मृति जुबिन ईरानी ने एनसीपीसीआर, महिला और बाल विकास तथा रेल मंत्रालय के बच्चों के बचाव और पुनर्वास के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बाल श्रम के मुद्दे पर समाज को संवेदनशील बनाने में विभिन्न राज्य सरकारों की भूमिका की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समितियों को मजबूत करने और जिला नोडल अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार करने की आवश्यकता है।
स्मृति जुबिन ईरानी ने सुझाव दिया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बाल मजदूरी से बचाए गए बच्चे को स्वस्थ वातावरण मिले और उसे दोबारा बाल मजदूरी के लिए मजबूर नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि बाल श्रम जैसे कलंक को तभी मिटाया जा सकता है जब 'बाल श्रम' के खिलाफ लड़ाई एक जन आंदोलन या लोगों का आंदोलन बन जाए। उन्होंने आरडब्ल्यूए और बाज़ार संघों जैसी आस-पास की संस्थाओं से इस अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एक बच्चे को नौकरी पर रखना सामाजिक शर्म की बात होनी चाहिए। कार्यशाला के दौरान एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के लिए परामर्श एक सही कदम है, इससे बच्चों के बचाव और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि एसओपी विधायी संमिलन तैयार करने में मदद करेगा।
स्मृति जुबिन ईरानी ने कहा कि बाल श्रम में लगे बच्चों के बचाव और उनके पुनर्वास से जुड़ी एजेंसियों और बच्चों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एनसीपीसीआर बाल मजदूरों के बचाव और पुनर्वास पर एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिला और बाल विकास मंत्रालय बच्चों के समग्र विकास के लिए अनुकूल समाज तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यशाला में श्रम और रोज़गार विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, खान और भूविज्ञान विभाग, कानूनी मामले विभाग और राज्यों के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के वरिष्ठ अधिकारी तथा सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।