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Thursday 25 July 2019 02:55:41 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक-2019’ लांच किया, जिसमें भारत पिछले वर्ष के 57वें पायदान से पांच स्थान ऊपर चढ़कर वर्ष 2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारत ऊंची छलांग लगाकर जीआईआई-2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि नवाचार की संस्कृति अब अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत जीआईआई में 50वें पायदान पर पहुंचने के लिए अपने अथक प्रयासों को निरंतर जारी रखेगा, जैसाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि भारत अतीत की उपलब्धियों पर तबतक संतुष्ट होकर नहीं बैठेगा, जबतक कि वह वैश्विक नवाचार सूचकांक के शीर्ष 25 देशों में अपने आपको भी शुमार करने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेगा। उन्होंने इस रैंकिंग को हासिल करने के लिए सभी हितधारकों से इस दिशा में एक मिशन के रूपमें काम करने का अनुरोध किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र से देश को एक नवाचार केंद्र में तब्दील करने का अनुरोध किया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने विश्व बौद्धिक संपदा संगठन से भविष्य में नवाचार सूचकांक के हिस्से के रूपमें भारत के ग्रामीण नवाचार को भी इसमें शामिल करने का आग्रह किया। पीयूष गोयल ने कहा कि रैंकिंग में हुए सुधार से देशवासियों को प्रेरित होकर समाज के हाशिये पर पड़े लोगों के साथ-साथ वंचित तबकों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास के जरिए भारत के समक्ष मौजूद विभिन्न समस्याओं के टिकाऊ समाधान ढूंढे़ जाने चाहिएं, शहरों में बढ़ते प्रदूषण स्तर, देश के विभिन्न हिस्सों में गहराया जल संकट, तेजी से खत्म होते प्राकृतिक संसाधन, जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे और खाद्य पदार्थों की बर्बादी इन समस्याओं में शामिल हैं, इनका समाधान अभिनव आइडिया के जरिए किया जाना चाहिए। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत को निश्चित तौरपर एक उत्तरदायी देश होना चाहिए और देश के सुदूरतम इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवनस्तर में बेहतरी के लिए शिक्षाविदों, निजी क्षेत्र और सरकारी एजेंसियों की सेवाएं लेकर इस दिशा में एक मिशन के रूप में काम करना चाहिए।
पीयूष गोयल ने इस वर्ष की जीआईआई थीम ‘स्वस्थ जीवन का सृजन-चिकित्सा नवाचार का भविष्य’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार न केवल उपचारात्मक, बल्कि निवारक स्वास्थ्य सेवा पर भी फोकस कर रही है, जिसके तहत अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करना समाज का हिस्सा बन जाता है। जीआईआई रैंकिंग का प्रकाशन हर साल कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, इन्सीड और संयुक्तराष्ट्र के विश्व बौद्धिक संपदा संगठन तथा जीआईआई के ज्ञान साझेदारों द्वारा किया जाता है। यह 129 अर्थव्यवस्थाओं की जीआईआई रैंकिंग का 12वां संस्करण है, जो 80 संकेतकों पर आधारित है। बौद्धिक संपदा संबंधी आवेदन दाखिल करने की दरों से लेकर मोबाइल एप्लीकेशन बनाना, शिक्षा पर व्यय और वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी प्रकाशन तक इन संकेतकों में शामिल हैं। जीआईआई में स्विट्जरलैंड अब भी पहले पायदान पर है, इसके बाद स्वीडन, अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, जर्मनी और इजरायल का नम्बर आता है।