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Thursday 29 August 2019 12:58:46 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में डॉ बीआर अम्बेडकर भवन में एक समारोह में वर्ष 2018 और 2019 के लिए सामुदायिक रेडियो के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस समारोह का आयोजन 7वें सामुदायिक रेडियो सम्मेलन के अंतर्गत किया गया था। इस अवसर पर प्रकाश जावड़ेकर ने नरेंद्र मोदी सरकार के पहले 75 दिन के महत्वपूर्ण निर्णयों पर आधारित पुस्तिका 'जन कनेक्ट : स्पष्ट नीयत, निर्णायक कदम' जारी की। यह पुस्तिका सूचना व प्रसारण मंत्रालय के आउटरीच एवं संचार ब्यूरो ने तैयार की है। वर्ष 2018 और 2019 के लिए कई श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए, इनमें विषय आधारित, सामुदायिक अनुबंध, स्थानीय संस्कृति को प्रोत्साहन, सर्वाधिक रचनात्मक/ नवाचार तथा निरंतरता प्रमुख थे। प्रकाश जावड़ेकर ने देश के सभी हिस्सों में सामुदायिक रेडियो स्टेशन के प्रतिनिधियों के रूपमें पुरस्कार विजेताओं की भूमिका की सराहना की।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि वर्तमान में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या 262 है, सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 500 स्टेशन करना है, इससे देश में सामुदायिक रेडियो के अभियान को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि रेडियो संचार का सबसे शक्तिशाली और विश्वसनीय माध्यम है। उन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम की सफलता के बारे में कहा कि यह अब देश की बात के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति के दिल की बात बन गया है। उन्होंने सम्मेलन के प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपने अनुभव साझा करें और सामग्री तथा कार्यक्रमों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सुझाव दें, उन्हें पत्र लिखें। इस दौरान पूरे देश के सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर चलने वाले सभी कार्यक्रमों की सूची भी जारी की गई। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय शिक्षा का अधिकार, आरक्षण संबंधी लाभ इत्यादि से जुड़े विभिन्न कानूनों को लागू कर स्थानीय लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने के उद्देश्य से लिया गया। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच 11वें पायदान से ऊपर चढ़कर 5वें पायदान पर पहुंच गई है, वहीं दूसरी ओर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य से भारत को और ऊपर चढ़कर तीसरे पायदान पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
प्रकाश जावड़ेकर ने काफी तेजी से विधेयकों को पारित किए जाने का भी उल्लेख किया और कहा कि राज्यसभा को एक समय स्पीड ब्रेकर माना जाता था, जबकि अब वह विधेयकों को पारित करने के मामले में हाईवे बन गई है। उन्होंने बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास पर खर्च में व्यापक वृद्धि, तीन तलाक जैसे महत्वपूर्ण फैसलों, किसानों को वित्तीय सहायता, असंगठित क्षेत्र के कामगारों एवं कारोबारियों के लिए पेंशन इत्यादि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी निर्णय अंतिम लाभार्थियों और लोगों को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव अमित खरे ने सामुदायिक रेडियो की सामग्री से सतत विकास लक्ष्यों को जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो राष्ट्रीय विचार प्रक्रिया और स्थानीय मुद्दों एवं चुनौतियों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूपमें कार्य करता है। कार्यक्रम में मंत्रालय के साथ-साथ इसके अधीनस्थ मीडिया यूनिटों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में संयुक्त सचिव टीसीए कल्याणी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।