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'भारत में एक बड़े ऊर्जा बाज़ार की पेशकश'

'ऑस्ट्रेलिया भारत की ऊर्जा जरूरतों का भरोसेमंद सहयोगी'

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिले ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 29 August 2019 01:46:03 PM

australia's senator met petroleum minister dharmendra pradhan

नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से ऑस्ट्रेलियाई संसाधन मंत्री और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर मैथ्यू कैनवन ने मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों में ऊर्जा और संसाधनों के महत्व पर बल दिया और यह देखते हुए सहयोग के दायरे का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की कि भारत एक बड़े ऊर्जा बाज़ार की पेशकश कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जिनमें यूरेनियम के अलावा विशेष रूपसे कोयला और एलएनजी शामिल हैं।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत पहले से ही ऑस्ट्रेलिया से एलएनजी का आयात करता है और भारत की गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए की गई प्रमुख पहलों को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया से एलएनजी के आयात को बढ़ाने की पर्याप्त संभावना है। उन्होंने कहा कि भारतीय उपभोक्ता कीमत को लेकर संवेदनशील हैं और इसलिए ऑस्ट्रेलिया से आयात होने वाली एलएनजी को खरीदने की सामर्थ्य इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कारक है। ऑस्ट्रेलिया के सीनेटर मैथ्यू कैनवन ने भारत के साथ संबंध बढ़ाने की ऑस्ट्रेलिया की प्रतिबद्धता को दोहराया और भारत की ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक भरोसेमंद सहयोगी के रूपमें अपनी स्थिति को उजागर किया। धर्मेंद्र प्रधान ने भारत में ऑस्ट्रेलिया से निवेश के अधिक प्रवाह और सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली को साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने कोकिंग कोयले के क्षेत्र में अधिक सहयोग करने को कहा।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अधिक सामंजस्य कायम करने और द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के कोयला, खान, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात जैसे क्षेत्रों से जुड़े दोनों देशों के मंत्रियों को एक स्थान पर आकर दोनों देशों के बीच समन्वय कायम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत को ऑस्ट्रेलिया के धातु उद्योग संबंधी कोयले का सबसे बड़ा आयातक होने के नाते एक लाभकारी अंतर संबंधी मूल्य निर्धारण प्रक्रिया तैयार करनी चाहिए। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सहयोग के अवसर बढ़ने जारी रहेंगे, क्योंकि भारत का ऊर्जा मिश्रण विकसित हो रहा है। दोनों ने अनेक ऊर्जा संसाधनों पर आगे संबंध बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जिसका आनेवाले महीनों में अर्थव्यवस्था पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा, जिससे द्विपक्षीय संबंधों का ऊर्जा स्तंभ मजबूत बन सकेगा।

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