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Monday 01 April 2013 01:35:50 AM
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योग के महत्व की चर्चा करते हुए कहा है कि प्राचीन काल से हमारे देश में शरीर, मन एवं मस्तिष्क में तालमेल बैठाने एवं जीवन के तमाम रहस्यों को जानने के लिए प्रयास किया जाता रहा है, योग की विधा को अब अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिल रही है, यदि निरंतर योग और प्राणायाम जैसी विधाओं को अपनी दैनिक गतिविधियों का अंग बनाया जाए, तो निश्चित रूप से लाभ होगा।मुख्यमंत्री शुक्रवार को सीएमएस ऑडीटोरियम गोमती नगर लखनऊ में क्रियायोग आश्रम मेडिटेशन प्रोग्राम के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रचलित योग पर कई देशों में अनुसंधान चल रहे हैं और योग के विभिन्न पहलुओं की वैज्ञानिक जानकारी भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर एवं अन्य बीमारियों के इलाज की बात भी कही जाती है। उन्होंने ‘क्रियायोग का विस्तार-भारत वर्ष का निर्माण’ कार्यक्रम में सम्मिलित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि क्रियायोग विज्ञान मानव जाति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अखिलेश यादव ने कहा कि क्रियायोग का प्रचार-प्रसार विश्व विख्यात संत परमहंस योगानंद जी ने 32 वर्षों तक अमेरिका में किया। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न टीवी चैनलों पर साधु-संत और योगी योग विज्ञान को आम जनता तक पहुंचाया जा रहा है, इसी कड़ी में क्रियायोग भी आम जनता तक पहुंच रहा है।
इसके पूर्व राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष नवीन चंद्र बाजपेई ने क्रियायोग के महत्व पर कहा कि यह मनुष्य की समस्याओं का हल है। क्रियायोग से अच्छे भविष्य और सुंदर विश्व की ओर बढ़ा जा सकता है, इससे मनुष्य परिष्कृत होता है और उसका आत्मा से साक्षात्कार होता है। क्रियायोग आश्रम एवं अनुसंधान के संस्थापक व अध्यक्ष गुरुदेव स्वामी योगी सत्यम ने कहा कि क्रियायोग के अभ्यास से अविद्या का लोप हो जाता है और इसके विस्तार से ज्ञान, शांति, स्वास्थ्य व संपन्नता का विस्तार होता है। उन्होंने कहा कि जन्म-जन्मांतर से मनुष्य अस्तित्व की सुरक्षा, स्वास्थ्य, संपन्नता, ज्ञान, शांति व परमानंद की तलाश कर रहा है। क्रियायोग का अभ्यास इन सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है। इस अवसर पर सीएमएस के संस्थापक जगदीश गांधी, अनेक वरिष्ठ अधिकारी, साधु-संत, योगी, मीडियाकर्मी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।