स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 4 December 2019 01:04:13 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि सोनिया गांधी परिवार की सुरक्षा और एसपीजी सुरक्षा में कोई संबंध नहीं है, उनको पहले ही जेड प्लस सुरक्षा यानी एएसएल एंबुलेंस सुविधा के साथ उपलब्ध कराई जा चुकी है जो 24 घंटे उनकी सुरक्षा में रहेगी। गृहमंत्री का कहना था कि एसपीजी के संबंध में लोकसभा में बिल में पांचवा संशोधन एक परिवार के कारण नहीं है, जबकि इससे पहले चार परिवर्तन एक परिवार को ध्यान में रखकर किए गए थे। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एसपीजी सुरक्षा पर बोलते हुए कहा है कि एसपीजी सुरक्षा बिल एक परिवार को ध्यान में रखकर नहीं लाया जा रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केवल गांधी परिवार ही नहीं, गांधी परिवार सहित 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी सरकार की है और उसका निर्वहन करने में हमें कोई आपत्ति नहीं है, किंतु किसी को एसपीजी ही चाहिए यह जिद ठीक नहीं है। अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र में सरकारों को आना-जाना पड़ता है, उसे स्वीकार भी करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह सुरक्षा प्रधानमंत्री के लिए है, देश में 130 करोड़ लोग अपना वोट डालते हैं, फिर चुने हुए प्रतिनिधि प्रधानमंत्री तय करते हैं, आज नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए उनके लिए यह सुरक्षा है। उनका कहना था कि एसपीजी का गठन विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को लेकर किया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांधी परिवार के तीनों सुरक्षा प्राप्तकर्ताओं को वही सुरक्षा जवान दिए गए हैं जो किसी न किसी रूपमें एसपीजी में प्रशिक्षण प्राप्त हैं।
अमित शाह ने कहा कि एसपीजी को स्टेटस सिंबल न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को देश के सर्वोच्च नागरिक को मिलने वाली सर्वोच्च सुरक्षा दी गई है, जोकि देश के रक्षामंत्री, गृहमंत्री और अन्य दूसरे विशिष्ट नागरिकों के पास है, लेकिन गांधी परिवार के लिए यह मांग कि उन्हें एसपीजी सुरक्षा ही मिले ये उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में कानून सबके लिए बराबर है, एक परिवार के लिए अलग कानून नहीं हो सकता, हम परिवार का नहीं परिवारवाद का विरोध करते हैं। अमित शाह ने प्रश्न करते हुए कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की समीक्षा के आधार पर सुरक्षा हटाई गई थी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, नरसिम्हा राव, आईके गुजराल और डॉ मनमोहन सिंह की सुरक्षा को हटाकर जेड प्लस सिक्योरिटी से परिवर्तित किया गया, किंतु विपक्ष ने उनकी सुरक्षा पर तो किसी तरह का शोर-शराबा नहीं किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून सभी के लिए बराबर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम परिवार का विरोध नहीं कर रहे हैं, परिवारवाद का विरोध करते हैं, परिवारवाद एक व्यवस्था है और इसका पुरविरोध करते रहेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने एक प्रश्न के जवाब में जस्टिस जेएस वर्मा की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें लिखा था कि राजीव गांधी की हत्या करना इसलिए सरल हुआ, क्योंकि पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई थी। अमित शाह ने प्रियंका वाड्रा के घर हाल में एक कार के प्रवेश की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन उनके घर आने वाली गाड़ी में कांग्रेस के ही कार्यकर्ता थे। उनका कहना था कि इस पूरी घटना की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं और जिम्मेदार लोगों को सस्पेंड भी किया गया है। अमित शाह ने कहा कि इस प्रकार की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था, बल्कि संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचना दी जा सकती थी। ज्ञातव्य है कि प्रियंका वाड्रा के घर में गई कार की मालकिन ने कहा है कि वह अपने पुत्र के साथ उनके यहां गई थीं और उन्हें जाने दिया गया था, जिसके बाद मीडिया चैनलों पर हंगामा बरपा था कि प्रियंका वाड्रा के घर में संदिग्ध कार घुस गई है।