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कैट मामलों की सुनवाई के लिए नए दिशा-निर्देश

ग्रीन ऑरेंज रेड जोन में कैट मामलों की सुनवाई का मामला

दिल्ली में अभी तक पीठों का कामकाज निलंबित था

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 2 May 2020 06:09:23 PM

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नई दिल्ली। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण दिल्ली के चेयरमैन के आदेशानुसार ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में कैट मामलों की सुनवाई के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के 24 मार्च 2020 को घोषित लॉकडाउन के आदेश तथा 14 अप्रैल 2020 को जारी लॉकडाउन के 3 मई 2020 तक विस्तार के आदेश को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की प्रधानपीठ और देशभर में इसके अन्य पीठों के कामकाज को निलंबित कर दिया गया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 मई 2020 को आदेश जारी किया है, जिसके तहत उसने कोविड-19 के मामलों की गंभीरता पर रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन की पहचान के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में इन क्षेत्रों में निषिद्ध और शुरू की जानेवाली गतिविधियों के बारे में भी बताया गया है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के कार्य करने के सम्बंध में निर्देश हैं-जहां भी पीठ या कोर्ट ग्रीन जोन में हैं, वे गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए कार्य करेंगे जैसे-एकदूसरे से आवश्यक दूरी बनाए रखना, स्वच्छता की व्यवस्था करना और सीधे संपर्क से बचना। जहां तक संभव हो संबंधित क्षेत्र के उच्च न्यायालयों के कामकाज के तरीके को अपनाया जाएगा। संबंधित पीठ के विभाग प्रमुख (एचओडी) बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के परामर्श से इस संबंध में निर्णय लेंगे।
प्रशासनिक पीठ के रजिस्ट्रार से कर्मचारियों की सुविधा और उनके कामकाज के तरीके के बारे में फीडबैक लिया जाएगा। इस संबंध में लिए गए निर्णयों को प्रधान पीठ की रजिस्ट्री को भेजा जाएगा। रेड और ऑरेंज ज़ोन के पीठों में संबंधित पीठ के रजिस्ट्रार से संपर्क करके तत्काल महत्व के मामलों को इलेक्ट्रॉनिक मेल सेवा के माध्यम से दायर किया जा सकता है। रजिस्ट्रार इच्छुक अधिवक्ता या वादी को ई-मेल आईडी उपलब्ध कराएंगे, यदि रजिस्ट्री संतुष्ट है कि आदेश के तहत इसे तत्काल निपटाए जाने की आवश्यकता है तो खंडपीठ के विभाग प्रमुख को इस बारे में सूचित किया जाएगा। इसके बाद विभाग प्रमुख तय करेंगे कि मामला तत्काल सुनवाई के लायक है अथवा नहीं। यदि इस मामले की सुनवाई का प्रस्ताव दिया जाता है तो यह सुनवाई सिस्को वेबेक्स ऑनलाइन वीडियो कॉंफ्रेंसिंग सुविधा के माध्यम से की जाएगी।
प्रधान पीठ की रजिस्ट्री के परामर्श से पीठों के विभाग प्रमुख तत्संबंधी विवरणों को अंतिम रूप देंगे। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वीडियो कॉंफ्रेंस में भाग लेने वाले उचित परिधान में हों या कम से कम अच्छे कपड़े पहन रखे हों। यदि बार एसोसिएशन के अधिवक्ता इस तरह की व्यवस्था के माध्यम से लंबित मामलों की सुनवाई के लिए सहमत हों तो रजिस्ट्री मामलों की पहचान की जाएगी। मामलों की सुनवाई प्रणाली के माध्यम से उस समयावधि में की जाएगी, जिसका निर्धारण विभाग प्रमुख (एचओडी) दैनिक आधार पर करेंगे। यह व्यवस्था 17 मई 2020 तक या अगले आदेश तक लागू रहेगी।

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