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Monday 11 May 2020 05:44:54 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि विपणन को मजबूत करने और किसानों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल उपज बेचने की सुविधा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कृषि बाजार यानी ई-एनएएम के साथ आज 177 नई मंडियों को जोड़ लिया है। जोड़ी गई मंडियों में गुजरात की 17, हरियाणा की 26, जम्मू और कश्मीर की 1, केरल की 5, महाराष्ट्र की 54, ओडिशा की 15, पंजाब की 17, राजस्थान की 25, तमिलनाडु की 13 और पश्चिम बंगाल की 1 मंडी शामिल है। देशभर में ई-एनएएम मंडियों की कुल संख्या 962 हो गई है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ई-एनएएम को और मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिएं। इससे पहले 785 मंडियों को 17 राज्यों और 2 संघशासित प्रदेशों में ई-एनएएम के साथ जोड़ा गया था, जिसका उपयोग करने वाले 1.66 करोड़ किसान, 1.30 लाख व्यापारी और 71,911 कमीशन एजेंट थे।
ई-एनएएम प्लेटफॉर्म पर 9 मई 2020 तक कुल 3.43 करोड़ मीट्रिक टन और संख्या में 37.93 लाख रुपये का बांस और नारियल का कारोबार किया गया, जिसका सामूहिक मूल्य 1 लाख करोड़ रूपये से अधिक है। ई-एनएएम प्लेटफॉर्म के रास्ते 708 करोड़ रुपये का डिजिटल भुगतान किया गया, जिससे 1.25 लाख से अधिक किसानों को फायदा हुआ है। ई-एनएएम मंडी राज्य की सीमाओं से परे व्यापार की सुविधा देता है, बारह राज्यों में अंतर-मंडी व्यापार में कुल 236 मंडियों ने भाग लिया, जबकि 13 राज्यों/ संघशासित प्रदेशों ने अंतर-राज्य व्यापार में हिस्सा लिया, जिससे किसानों को दूर के व्यापारियों के साथ सीधे बातचीत करने की अनुमति मिलती है। वर्तमान में खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार ई-एनएएम पर किया जा रहा है। ई-एनएएम प्लेटफॉर्म पर 1,005 से अधिक एफपीओ पंजीकृत हैं और इसने 7.92 करोड़ रुपये मूल्य की 2900 मीट्रिक टन कृषि उपज का कारोबार किया है।
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान मंडियों से भीड़भाड़ कम करने के लिए कृषि मंत्री ने 2 अप्रैल 2020 को एफपीओ ट्रेड मॉड्यूल, लॉजिस्टिक्स मॉड्यूल और ईएनडब्ल्यूआर आधारित भंडारण मॉड्यूल की शुरूआत की थी, तब से 15 राज्यों के 82 एफपीओ ने 2.22 करोड़ रूपये मूल्य की 12048 क्विंटल जिंसों की कुल मात्रा के साथ ई-एनएएम पर कारोबार किया है। नौ लॉजिस्टिक्स सर्विस एग्रीगेटर्स ने ई-एनएएम के साथ साझेदारी की है, जिसमें 2,31,300 ट्रांसपोर्टर्स हैं, जो ई-एनएएम साझेदारों की परिवहन सेवा जरूरतों को पूरा करने के लिए 11,37,700 ट्रकों की उपलब्धता प्रदान कर रहे हैं। राष्ट्रीय कृषि बाजार भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है, जो मौजूदा एपीएमसी मंडियों का समूह बनाती है, ताकि कृषि जिंसों के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाया जा सके। इससे क्रेता और विक्रेता के बीच सूचना की असमानता को समाप्त कर और वास्तविक मांग और आपूर्ति के आधार पर वास्तविक समय मूल्य खोज को बढ़ावा देकर एकीकृत बाजार में प्रक्रियाओं को सरल बनाकर कृषि विपणन में एकरूपता को बढ़ावा दिया जा सकता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने 1 मई 2020 को 7 राज्यों से 200 ई-एनएएम मंडियों को जोड़ना शुरू किया था, जिसमें भारतीय किसानों की मदद के लिए ई-एनएएम पर कर्नाटक के 1 नए राज्य को जोड़ा गया था। इसके अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री ने कर्नाटक के एकीकृत बाजार पोर्टल-यूएमपी और ई-एनएएम पोर्टल के बीच अंतर-संचालन भी शुरू किया था। यह इन दोनों प्लेटफार्मों के बीच अंतर-संचालन सुविधा का उपयोग करके दोनों प्लेटफार्मों के व्यापारियों और किसानों को व्यापार के लिए अधिक बाजारों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करता है। अपने पहले चरण में ई-एनएएम की उपलब्धियों को देखते हुए यह 15 मई 2020 से पहले 415 अतिरिक्त मंडियों को जोड़ने के साथ अपने पंख फैलाकर विस्तार के मार्ग पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री की वन नेशन वन मार्केट की संकल्पना को पूरा करने के लिए 18 राज्यों और 3 संघ शासित प्रदेशों में ई-एनएएम मंडियों की कुल संख्या 1,000 से अधिक हो गई है।
राष्ट्रीय कृषि बाजार भारत में कृषि जिंसों के लिए मौजूदा मंडियों को वन नेशन वन मार्केट से जोड़ने के उद्देश्य से एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल की 14 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरूआत की थी। लघु किसान कृषि व्यवसाय संकाय भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में ई-एनएएम को लागू करने की प्रमुख एजेंसी है। एनएएम पोर्टल एपीएमसी से संबंधित सभी सूचनाओं और सेवाओं के लिए एक एकल खिड़की सेवा प्रदान करता है, जिसमें जिंसों के आने, उनकी गुणवत्ता और मूल्य शामिल होते हैं। व्यापार प्रस्तावों और इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का किसानों के खातों में सीधे निपटान करने का प्रावधान है और बेहतर बाजार पहुंच में उनकी मदद करता है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी के महत्वाकांक्षी उपयोग के रूपमें ई-एनएएम पोर्टल की परिकल्पना है।