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Monday 08 April 2013 11:11:01 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय उत्पाद शुल्क महानिदेशालय के खुफिया विभाग के मुख्यालय ने दिल्ली उत्पाद शुल्क चोरी के और डीलरों के सेनवेट क्रेडिट दुरूपयोग के एक बड़े मामले को पकड़ा और मैसर्स साई स्टील ट्रेडर्स और मैसर्स साई मल्टीमेटल्स, मंडी गोविंदगढ़ के खिलाफ बिना माल की आपूर्ति किये मूल्योजित चालान जारी करके धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
खोज अभियान के नतीजों में बड़ी संख्या में दस्तावेजों की बरामदगी हुई और बरामद किये हुए दस्तावेज़ों से ऐसे संकेत मिले कि मूल्योजित चालान, भावनगर में तोड़े गये जहाजों से प्राप्त पुराने और इस्तेमाल किये गये सामान और प्लेटों के लिए भुगतान की जा चुकी कीमत के आधार पर तैयार किये गये थे, हालांकि सामान की वास्तव में भुगतान के आधार पर बिना बिल के मंडी गोविंदगढ़/खन्ना के रोलिंग मिलों को आपूर्ति की गई थी। रोलिंग मिलों से प्राप्त नकदी भट्टी इकाईयों को अदा की गई। काफी साक्ष्य इक्टठा किये गये जो कि डीलर और निर्माता के बीच गठजोड़ को दर्शाते हैं, जिसमें माल रोलिंग मिलों को भेजा गया और चालान भट्टी इकाईयों को जारी किया गया। इस प्रकार एक बिना प्राप्त हुई बड़ी सेनवेट क्रेडिट राशि बिना माल आपूर्ति किये धोखाधड़ी से इन भट्टी इकाईयों को जारी की गई।
इस खोज अभियान का संचालन डीजीसीईआई (मुख्यालय) ने किया जोकि मूल्योजित चालान के बड़े और अनियंत्रित दुरूपयोग को दर्शाता है। इस सेनवेट क्रेडिट धोखाधड़ी के फलस्वरूप 100 करोड़ मूल्य का अनुमानित राजस्व घाटा हुआ है। दर्ज किया गया मामला डीजीसीईआई (मुख्यालय) नई दिल्ली ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क की चोरी का बिना माल की आपूर्ति किये दस्तावेज़ों में हेरा-फेरी करके किया एक अन्य मामला है, जिसके कारण देश को भारी राजस्व का नुकसान हुआ।