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Wednesday 10 June 2020 10:59:09 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, जन शिकायत एवं पेंशन विभाग में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि निजी क्षेत्र को अपनी क्षमता में सुधार के लिए इसरो की सुविधाओं और अन्य सम्बद्ध सम्पत्तियों का उपयोग करने की इजाजत दी जाएगी। राज्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष के दौरान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की अनेक जानकारियां दीं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार का आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप भारत की दिशा है, जिसमें अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की कल्पना की गई है, वित्तमंत्री ने भी कहा था कि भारतीय निजी क्षेत्र भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र की यात्रा में सह मुसाफिर है। राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उपग्रहों, प्रक्षेपणों और अंतरिक्ष आधारित सेवाओं में निजी कंपनियों को बराबर मौका दिया जाना है, निजी क्षेत्र के लिए ग्रहों की खोज और बाहरी अंतरिक्ष यात्रा की भविष्य की परियोजनाएं खोली जाएंगी। इसरो द्वारा आरंभ किए गए भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के बारे में नवीनतम जानकारी देते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों का चयन पूरा हो चुका है और रूस में उनका प्रशिक्षण भी शुरू हो गया है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें बाधा आई है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का आगे का कार्य जल्द ही शुरू होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि इसरो ने युवा स्कूली बच्चों के लिए एक विशेष कार्यक्रम ‘यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम-युविका’ शुरू किया है, जिसका उद्देश्य मुख्य रूपसे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और युवा पीढ़ियों को इसके अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करना है। कोरोना महामारी के दौरान भी इसरो के वैज्ञानिक आवश्यक चिकित्सा उपकरण, सुरक्षात्मक किट और अन्य उपकरण प्रदान करने के सर्वोत्तम तरीकों की खोज में लगे हुए हैं।