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Thursday 18 June 2020 06:12:49 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्रालय का कहना है कि वह अपनी फ्लैगशिप खेलो इंडिया योजना के तहत खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस (केआईएससीई) की स्थापना के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत में एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के प्रयासों के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में एक-एक सेंटर चिन्हित किया जाएगा। पहले चरण में मंत्रालय ने आठ राज्य कर्नाटक, ओडिशा, केरल और तेलंगाना तथा अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम एवं नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में सरकारी स्वामित्व वाले ऐसे खेल सुविधा केंद्रों की पहचान की है, जिन्हें खेलो इंडिया स्टेट सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस में अपग्रेड किया जाएगा।
खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यों में खेल सुविधाओं को मजबूत करने की पहल पर बताया हैकि खेलों में भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए खेलो भारत राज्य उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि खेल मंत्रालय का प्रयास भारत में प्रत्येक राज्य में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ खेल सुविधाओं को विश्वस्तरीय खेल अकादमियों में तब्दील करना है, जहां आने वाले एथलीट अपने-अपने खेलों में बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे। किरेन रिजिजू ने कहा कि एक सरकारी समिति के गहन विश्लेषण के बाद इन खेल सुविधाओं की पहचान की गई है और विश्वास है कि इसके माध्यम से देशभर में खेल प्रतिभाओं की पहचान करके उन्हें इस तरह से प्रशिक्षित करने का काम किया जा सकेगा, जिससे वे सभी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं ओलंपिक खेलों में देश के लिए पदक जीत सकें।
खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इन खेल सुविधा केंद्रों के चयन की प्रक्रिया अक्टूबर 2019 में शुरु हुई थी, जब प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को उनके यहां उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ खेल अवसंरचनाओं या ऐसी एजेंसियों की पहचान करने का काम सौंपा गया था, जिन्हें विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं में विकसित किया जा सकता था। इस बारे में सरकार को कुल 15 खेल सुविधा केंद्रों के बारे में प्रस्ताव मिले थे, जिनपर विचार के बाद इनमें से 8 केंद्रों को चुना गया। इनका चुनाव वहां प्राथमिकता वाले खेलों के लिए उपलब्ध प्रशिक्षण सुविधाओं, आवश्यक बुनियादी अवसंरचना तथा वहां से बनकर निकले प्रतिभावान खिलाड़ियों के आधार पर किया गया है। मौजूदा चयनित केंद्रों को उत्कृष्टता वाले केंद्रों में तब्दील करने के लिए सरकार प्रशिक्षण उन खेलों के लिए वैज्ञानिक व तकनीकी आवश्यकताओं तथा प्रशिक्षकों की नियुक्ति और जरुरी उपकरणों की आपूर्ति के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराएगी।
किरेन रिजिजू ने बताया कि हालांकि ऐसी मदद विशेष रूपसे ओलंपिक खेलों को ध्यान में रखते हुए ही दी जाएगी, इनसे संबधित अन्य खेल गतिविधियों के लिए भी ऐसी मदद दी जाएगी, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इन केंद्रों को चलाएंगे और इनकी क्षमता बढ़ाकर इन्हें विश्वस्तरीय खेल सुविधा केंद्रों में बदलने का काम करेंगे, इन केंद्रों के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर होगी। उन्होंने बताया कि खिलाड़ियों के रहने और खाने की सुविधा आदि का काम भी इन्हें ही देखना होगा, विशेषज्ञ कोच, सहायक कर्मचारियों, उपकरण तथा आधारभूत अवसंरचना के विकास के लिए कम पड़ने वाली वित्तीय जरूरतों को खेलो इंडिया योजना से पूरा किया जाएगा, चयनित आठ केंद्रों को एक व्यापक विश्लेषण के बाद इंगित की गई आवश्यकता के अनुसार अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि व्यापक आधार पर खेल प्रतिभाओं की पहचान करने के लिए राज्य और केंद्रशासित प्रदेश उन खेलों के लिए प्रतिभाओं की पहचान करेंगे, जिनके लिए केंद्र की ओर से आर्थिक मदद की व्यवस्था की गई है।
भारतीय खेल प्राधिकरण अपनी ओर से इन केंद्रों के लिए विशेषज्ञता, संसाधनों और एक निगरानी प्रणाली की व्यवस्था करेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इन केंद्रों में प्रशिक्षिण लेने वाले एथलीटों के प्रदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुधार हुआ है। पहले चरण में संगी लाहेन खेल अकादमी ईटानगर अरुणाचल प्रदेश, जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय युवा केंद्र बेंगलुरू कर्नाटक, जीवी राजा सीनियर सेकेंडरी स्पोर्ट्स स्कूल तिरुवनंतपुरम केरल, खुमान लम्पक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स इंफाल मणिपुर, राजीव गांधी स्टेडियम आइजोल मिजोरम, स्टेट स्पोर्ट्स अकादमी आईजी स्टेडियम कोहिमा नागालैंड, कलिंग स्टेडियम भुवनेश्वर ओडिशा, रीजनल स्पोर्ट्स स्कूल हकीमपेट तेलंगाना खेल सुविधा केंद्रों को खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील किया जाएगा।