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Tuesday 09 April 2013 08:48:54 AM
लखनऊ। करीब 846.49 एकड़ भूमि में स्थापित चकगंजरिया फार्म की वर्तमान में संचालित गतिविधियों को अन्यत्र स्थानांतरित कर यहां राष्ट्रीय स्तर का सूचना प्रौद्योगिकी नगर आईटी सिटी, सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, आधुनिक मेडीसिटी, प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान व आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट स्थापित किए जाने एवं इसके आवासीय तथा व्यवसायिक उपयोग की परियोजना को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
आईटी सिटी के लिए 100 एकड़ भूमि आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को, भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए 50 एकड़ भूमि प्राविधिक शिक्षा विभाग को, आधुनिक मेडीसिटी में विश्वस्तरीय कैंसर संस्थान व चिकित्सा सुविधाओं के लिए 100 एकड़ भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को, सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, कार्डियोलॉजी सेंटर के लिए 20 एकड़ भूमि चिकित्सा विभाग को, आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट के लिए 20 एकड़ भूमि दुग्ध विकास विभाग को तथा उत्तर प्रदेश प्रशासनिक अकादमी के लिए 25 एकड़ भूमि कार्मिक विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित की जाएगी। शेष भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्रचलित सर्किल दर पर हस्तांतरित की जाएगी।
परियोजना के क्रियांवयन एवं आवश्यक नीतिगत निर्णय हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। परियोजना से संबंधित सभी कार्रवाई हेतु आवास एवं शहरी नियोजन विभाग नोडल विभाग होगा, जबकि परियोजना के कार्यों का निष्पादन कार्यदायी लखनऊ विकास प्राधिकरण करेगा। प्रस्तावित परियोजना के लिए महायोजना-2021 में निर्धारित भू-उपयोग में आवश्यक परिवर्तन आवासीय एवं शहरी नियोजन विभाग के सुसंगत नियमों के अंतर्गत किया जाएगा। महायोजना-2021 में प्रस्तावित 150 मीटर चौड़ी रिंग रोड और इसके दोनों ओर ग्रीन बेल्ट को प्रस्तावित परियोजना स्थल के मध्य में पड़ने के कारण लखनऊ विकास क्षेत्र के विस्तारित अंश में अथवा अन्यत्र प्राविधानित किया जाएगा।
परियोजना स्थल पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास लखनऊ विकास प्राधिकरण करेगा। परियोजना क्षेत्र के विकास एवं अवस्थापना विकास कार्यों के त्वरित निस्तारण हेतु लखनऊ विकास प्राधिकरण रिवाल्विंग फंड का सृजन करेगा, जिसमें प्रारंभिक धनराशि का प्राविधान विकास प्राधिकरण अपने स्रोतों से करेगा। परियोजना के तहत लखनऊ विकास प्राधिकरण के विकसित किए जा रहे आवासीय क्षेत्र में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के मानकों के अनुसार दुर्बल आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के भवन निर्मित किए जाएंगे। ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी भवनों के लिए आवश्यक भूमि एवं अवस्थापना सुविधाओं हेतु उपयोग की गई भूमि के पश्चात अवशेष विकसित भूमि का निस्तारण प्राधिकरण नीलामी प्रक्रिया अपनाते हुए करेगा, जिससे कि भूमि का समुचित मूल्य प्राप्त हो सके। नीलामी से प्राप्त धनराशि को एक पृथक बैंक खाते में रखा जाएगा। इस खाते को परियोजना विकास फंड कहा जाएगा।
चकगंजरिया फार्म में वर्तमान में पशुपालन विभाग में चलाई जा रही डीएफएस योजना को राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ में स्थानांतरित किया जाएगा, जिसके लिए 25 एकड़ भूमि कृषि विभाग पशुपालन विभाग को निःशुल्क देगा तथा अधिकतम दो वर्ष की अवधि में चरणबद्ध रूप से रहमानखेड़ा में आवश्यक परिसंपत्तियां स्थापित, निर्मित की जाएंगी। इसी प्रकार फार्म में वर्तमान में संचालित पशुपालन विभाग के अन्य कार्यकलापों एवं प्रस्तावित आधुनिक डेरी फार्म परियोजना को राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र, निबलेट जनपद बाराबंकी स्थित भूमि पर स्थानांतरित कर चरणबद्ध रूप से स्थापित किया जाएगा। दुग्ध संघ की 25.05 एकड़ भूमि में स्थित सहकारी प्रशिक्षण एवं संस्थान के भवन, एसएमपी गोदाम व मिल्क पार्लर के भवन को दुग्ध विकास विभाग को दी जाने वाली 5 एकड़ भूमि में समायोजित किया जाएगा। शेष 20 एकड़ भूमि पर दुग्ध विकास विभाग आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट की स्थापना करेगा।