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वित्तीय वर्ष के अंत में व्यय की प्रवृत्ति से बचें-मुख्य सचिव

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Wednesday 10 April 2013 07:41:37 AM

alok kumar jain

देहरादून। मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने सचिवालय में बैठक में अधिकारियों से कहा है कि वे वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में व्यय करने की प्रवृत्ति से बचें, अप्रैल में ही साल भर के कार्यों का रोड मैप बनाएं, मासिक लक्ष्य निर्धारित करें और जल्द से जल्द वित्तीय स्वीकृतियां जारी करें। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2013-14 के कार्य अभी से शुरू कर दें। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर भी निगरानी रखें। मंगलवार को मुख्य सचिव ने साफ तौर पर कहा कि जो कार्य पहले से ही चल रहे हैं, उन्हें आचार संहिता की आड़ में न रोकें, संचालित कार्यों, स्वीकृत योजनाओं पर कोई रोक नहीं है।
मुख्य सचिव ने संसाधन जुटाने और व्यय की गुणवत्ता पर विशेष बल दिया। उन्होंने अधिकारियों से योजनावार कार्यों के मूल्यांकन करने और उन्हें भौतिक रूप से क्रियांवित करने के निर्देश दिए। प्रशासकीय विभाग अपने विभागाध्यक्षों को समय से बजट का आवंटन करें। पूरी प्रक्रिया कंप्यूटरीकृत हो जाने की वजह से विलंब की कोई गुंजाइश नहीं है। वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए फिस्कल रिस्पांसिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट एक्ट (एफआरबीएम) के प्राविधानों का पालन किया जाए, इसके तहत जीएसडीपी का राजकोषीय घाटा 3 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए, राजस्व सरप्लस होना चाहिए, पिछले वित्तीय वर्ष में इसे बनाए रखा गया है।
बैठक में प्रमुख सचिव राकेश शर्मा, रणबीर सिंह, एस राजू, राधा रतूड़ी, सचिव एमएच खान, उमाकांत पंवार, मनीषा पंवार, आरसी पाठक, कुणाल शर्मा, एके ढ़ौंडियाल, विनोद फोनिया, अपर सचिव विनोद शर्मा, निधि पांडेय, अमित नेगी, नितीश झा, एमसी जोशी, सौजन्या, आरसी अग्रवाल, मनोज चंद्रन, विनय शंकर पांडेय, शैलेश बगोली सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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