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Thursday 6 August 2020 02:58:13 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान ने भारत के मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से 'जल-मौसम संबंधी खतरों के जोखिम को कम करना' विषय पर एक वेबिनार श्रृंखला का आयोजन किया। इस श्रृंखला में चार विषयों पर वेबिनार आयोजित किए गए-'तूफ़ान और आकाशीय बिजली', 'बादल का फटना और बाढ़', 'चक्रवात और तूफ़ान का बढ़ना' तथा 'जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम घटनाएं।' जल-मौसम संबंधी जोखिमों की बेहतर समझ और प्रभावी सहयोगात्मक कार्रवाइयों के सम्बंध में मानवीय क्षमता बढ़ाने पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श हुआ। आपदा जोखिम को कम करने तथा प्रभावित समुदायों और परिवेश की सहनशीलता को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के 10-सूत्रीय एजेंडा एवं सेनडाई आपदा जोखिम कमी फ्रेमवर्क को लागू किए जाने पर चर्चा हुई। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वेबिनार श्रृंखला के 'तूफ़ान और आकाशीय बिजली' विषय पर पहले वेबिनार का उद्घाटन किया।
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जल-मौसम संबंधी आपदाओं के जोखिम को कम करने के लिए भारत सरकार के विभागों और एजेंसियों के प्रमुख कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन आपदाओं के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सहयोगात्मक लघु और दीर्घकालिक शमन और कमी करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करने पर भी जोर दिया। वेबिनार श्रृंखला को एनडीएमए के सदस्य सचिव जीवीवी सरमा, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ राजीवन, एनडीएमए के अपर सचिव डॉ वी थिरुप्पुगाज़, आईएएस एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल मनोज कुमार बिंदल, आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र, एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान, आईपीएस और जीएमआरडी एनआईडीएम के प्रमुख प्रोफेसर सूर्य प्रकाश ने भी संबोधित किया। मौसम विज्ञान विषय के वक्ताओं में सीडब्ल्यूसी (एफएफएम) के निदेशक शरद चंद्र, आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर कपिल गुप्ता, आईएमडी के वैज्ञानिक डॉ आरके जेनमणि, आईएमडी के हाइड्रोमेट प्रमुख बीपी यादव, आईएमडी के वैज्ञानिक डॉ डीआर पटनैल, आईएमडी की वैज्ञानिक डॉ सोमा सेन रॉय, विश्व बैंक के अनूप कारंत और आईएमडी की वैज्ञानिक सुनीता देवी शामिल थीं।
वेबिनार वार्ता यू-टयूब के लिंक पर उपलब्ध है-तूफ़ान और आकाशीय बिजली https://www.youtube.com/watch?v=9Zv1Rms78dU, बादल का फटना और बाढ़ https://www.youtube.com/watch?v=G-P1CZB3krk, चक्रवात और तूफ़ान का बढ़ना https://www.youtube.com/watch?v=3TNRFsyuJGs और जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम घटनाएं https://www.youtube.com/watch?v=77H2g3K-msM। वेबिनार सीरीज़ की यह भी महत्वपूर्ण बातें रहीं कि वर्तमान में नोडल एजेंसियों की तकनीकी क्षमता के माध्यम से जल-मौसम संबंधी घटनाओं के समय और स्थान के बारे में लगभग सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। आईएमडी और एनआईडीएम पूर्वानुमान क्षमताओं को और बढ़ाएंगे तथा जल-मौसम संबंधी घटनाओं का अधिक सटीक रूपसे अनुमान लगाने में सक्षम होंगे एवं संबंधित हितधारकों और समुदायों को उचित रोकथाम और शमन का उपाय करने में मदद करेंगे।