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Saturday 26 September 2020 12:58:29 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि जब दुनिया सैन्य वर्चस्व के लिए अंतरिक्ष का इस्तेमाल कर रही थी, तभी हमारे महान वैज्ञानिक डॉ विक्रम साराभाई ने सोच लिया था कि भारत अपने विशाल आकार और विविधता के कारण तेजी से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक उपयुक्त प्लेटफार्म है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद डॉ विक्रम साराभाई के जन्म शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन अंतरिक्ष विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग ने किया था। राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ ही लोग हैं, जिनका जीवन और कर्म हमारा उत्साह बढ़ाता है, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम साराभाई उनमें से एक हैं। उन्होंने कहा कि वे एक विलक्षण आकर्षण, विनम्रता से भरे हुए व्यक्ति थे, जिन्होंने अंतरिक्ष जैसी ऊंची उपलब्धियां हासिल कीं। वह एक विश्वस्तरीय वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और एक ऐसी संस्था के निर्माता थे, जो दुर्लभ है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि डॉ विक्रम साराभाई ने अपेक्षाकृत कम समय में यह सब हासिल किया जो हर किसी के लिए संभव नहीं था, उन्हें पता था कि उनका अंत निकट है, अगर वह लंबे समय तक देश की सेवा कर सकते तो भारत का अंतरिक्ष विज्ञान इतना आगे पहुंच जाता कि जिसका हमें क्या दुनिया को आश्चर्य होता। राष्ट्रपति ने कहा कि एक वैज्ञानिक के रूपमें डॉ विक्रम साराभाई कभी भी केवल टिप्पणियों से संतुष्ट नहीं होते थे, उन्होंने हमेशा इंटरप्लेनेटरी स्पेस की प्रकृति की बेहतर समझ के लिए प्रयोगात्मक डेटा के पहलुओं पर ध्यान दिया। उनके वर्ष 1947 और 1971 के बीच राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान पत्रिकाओं में 85 शोध पत्र प्रकाशित हुए। राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ विक्रम साराभाई एक बहुत व्यावहारिक व्यक्ति भी थे, उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में आगे बढ़ रहे दूसरे देशों की तरह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को संचालित नहीं किया, इसके बजाय उन्होंने छलांग लगाना पसंद किया, वह देश विकास के लिए एक उपग्रह प्रणाली की उपयोगिता प्रदर्शित करना चाहते थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि डॉ साराभाई को विश्वास था कि भारत जैसे विकासशील देश को उपग्रह संचार में सीधे डुबकी लगानी चाहिए। रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज हम उनके सपने के महत्व को तब महसूस करते हैं, जब कोविड-19 महामारी भी हमारी स्कूली शिक्षा को बाधित करने में विफल रही है, जो दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के रूपमें चल रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार ने डॉ साराभाई के जन्म शताब्दी वर्ष में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों की घोषणा करके महान वैज्ञानिक को श्रद्धांजलि अर्पित की है। डॉ साराभाई की प्रसिद्ध उक्ति है कि हमें मनुष्य और समाज की वास्तविक समस्याओं के लिए उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल में किसी से पीछे नहीं रहना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि जब भारत अधिक आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रयास कर रहा है, तब हमें उनके शब्दों के महत्व का एहसास होता है।