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Thursday 8 October 2020 04:59:42 PM
नई दिल्ली। भारत के पुरुष और महिला मुक्केबाज़ अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक 52 दिन की अवधि के लिए इटली और फ्रांस में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। भारत सरकार इनके विदेशी प्रशिक्षण और प्रदर्शन पर लगभग 1.31 करोड़ रुपये खर्च करेगी। विदेश यात्रा करने वाले 28 सदस्यीय दल में 10 पुरुष और 6 महिला मुक्केबाज़ों के साथ सहायक कर्मचारी भी शामिल होंगे। मुक्केबाज़ों में अमित पंघाल, आशीष कुमार, सतीश कुमार, सिमरनजीत कौर, लवलीना बोरगोहाई और पूजा रानी शामिल हैं। सभी ने टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा स्थान अर्जित किया है। भारत को अभी चार स्पर्धाओं पुरुष 57 किलोग्राम, पुरुष 81 किलोग्राम, पुरुष 91 किलोग्राम और महिलाएं 57 किलोग्राम में कोटा जीतना बाकी है। इन वर्गों के मुक्केबाज़ भी यात्रा दल का हिस्सा होंगे। इस दल में पुरुष टीम 8 कोच और सहयोगी स्टाफ तथा महिला टीम में 4 कोच और सहायक कर्मचारी शामिल होंगे।
मुक्केबाज़ महिलाओं के 69 किलोग्राम वर्ग की मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहाई फिर से प्रतियोगिता में भाग लेने को उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा की भावना के साथ प्रतियोगिता में भाग लेना बहुत अच्छा है, हम फिर से इसका अनुभव प्राप्त करेंगे। उनका कहना है कि वे इसके बारे में बहुत उत्साहित हूं, ओलंपिक से पहले हमारे पास अभी 10 महीने हैं, यूरोपीय खिलाड़ियों से मुकाबला करना वास्तव में मददगार साबित होगा। पुरुषों और महिलाओं की मुक्केबाज़ी टीम इटली के अस्सीसी में 15 अक्टूबर से 5 दिसंबर तक 52 दिन की अवधि के लिए प्रशिक्षण लेगी। ख़र्चों में टीम के सदस्यों के ठहरने, खाने-पीने, आने-जाने, हवाई यात्रा के टिकट और वीज़ा शुल्क शामिल होंगे। सभी 28 खिलाड़ियों और कर्मचारियों की कोविड जांच शुल्क को भी इस खर्च में शामिल किया जाएगा। यात्रा करने वाले इस दल के 13 मुक्केबाज़ 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक फ्रांस के नांतेस में आयोजित होने वाले एलेक्सिस वास्टाइन अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी टूर्नामेंट में भी भाग लेंगे।
मुक्केबाज़ी प्रशिक्षण टीम के सदस्य पुरुषों के 75 किलोग्राम भार वर्ग के मुक्केबाज़ आशीष कुमार ने कहा है कि यह अच्छी तैयारी है, क्योंकि ये मुक्केबाज़ उन खिलाड़ियों के साथ खेल रहे हैं, जिनका वे ओलंपिक में सामना कर सकते हैं। आशीष ने कहा कि विदेशी प्रतियोगियों के खिलाफ खेलना हमारे लिए बहुत उपयोगी होगा, हम पहले से ही पटियाला में शिविर में हैं और हमने अपनी फिटनेस को फिर से हासिल कर लिया है, विदेश जाकर प्रशिक्षण और प्रतियोगिता से वास्तव में मदद मिलेगी। आशीष का कहना है कि जब हम नए प्रतियोगियों से मिलेंगे तो हमें अपने स्तर का अंदाजा होगा, इससे हमें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि हम कहां खड़े हैं और हमें किन पहलुओं पर सुधार करने की जरूरत है। टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए भारत के नौ मुक्केबाज़ों ने कोटा अर्जित किया है। यह किसी एक ओलम्पिक में अबतक के सबसे ज्यादा कोटा स्थान हैं। अगले वर्ष होने वाली विश्व ओलंपिक क्वालीफाइंग प्रतियोगिता भारतीय मुक्केबाज़ों के लिए ओलंपिक के लिए कोटा स्थान हासिल करने का आखिरी मौका होगा।
भारतीय पुरुष मुक्केबाज़ी टीम के मुख्य प्रशिक्षक सीए कुटप्पा इस बात से बहुत खुश हैं कि मुक्केबाज़ विदेश में उच्चकोटि का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। उनका कहना है कि इस दौरान भारतीय मुक्केबाज़ों को विदेशी मुक्केबाज़ों से खेलकर यह जानने का अवसर मिलेगा कि वे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगियों के खिलाफ कहां खड़े हैं, कोविड-19 महामारी के कारण हुए सभी व्यवधानों के बाद इन मुक्केबाज़ों के लिए यह एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इस समय हम प्रतियोगिता की शीर्ष फिटनेस में थे, विश्व चैंपियनशिप में भाग ले रहे थे और गहन प्रशिक्षण में शामिल थे, इस यात्रा को मंज़ूर करने के लिए सरकार का धन्यवाद। मुक्केबाज़ इससे बहुत खुश हैं। वे कुछ अलग करना चाहते थे, उन्हें प्रतियोगिता और प्रशिक्षण की आवश्यकता थी, जो पूरी हो रही है। वे देखना चाहते हैं कि वे यूरोपीय मुक्केबाज़ों की तुलना में कहां खड़े हैं, विदेशी यात्रा के दौरान यूरोप में प्रतिस्पर्धा की तैयारी का एक बेहतर विचार है।