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Friday 12 April 2013 10:51:12 AM
मुंबई। भारतीय सिनेमा के जाने-माने चरित्र अभिनेता और प्राण के नाम सेमशहूर प्राण कृष्ण सिकंद को फिल्म जगत का 2012 का प्रतिष्ठित सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया गया है। दिल्ली में 1920 में जन्में प्राण का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद है। वह दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाले 44वें कलाकार हैं। भारत सरकार यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए देती हैं। इसके तहत एक स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपये की नकद राशि और एक शाल दिया जाता है। पचास और साठ के दशक में प्राण ने दिलीप कुमार, देव आनंद और राजकपूर जैसे अभिनेताओं के साथ फिल्में कीं। इन फिल्मों में आजाद, मधुमति, देवदास, दिल दिया दर्द लिया, राम और श्याम, आदमी, जिद्दी, मुनीम जी, अमरदीप, जब प्यार किसी से होता है, चोरी-चोरी, जागते रहो, छलिया, जिस देश में गंगा बहती है और उपकार प्रमुख हैं।
प्राण ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत 1940 में की। शुरू में उन्होंने फोटोग्राफी को अपना पेशा बनाया, लेकिन एक फिल्म निर्माता से अचानक हुई मुलाकात जरिए उन्हें पहली फिल्म मिली यमला जट। वह अविभाजित भारत में लाहौर में अभिनय करते थे, बाद में वह बंबई आ गये। जाने-माने लेखक सादत हसन मंटो और अभिनेता श्याम की मदद से बंबई में उन्हें बाम्बे टाकिज की फिल्म जिद्दी में काम मिला, जिसमें देव आनंद हीरो थे। प्राण को जिद्दी फिल्म से प्रसिद्ध मिली और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। चार सौ से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके प्राण ने अपनी सभी फिल्मों में अपने अभिनय के बूते दर्शकों को बांधे रखा। प्राण को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।