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Thursday 18 April 2013 08:12:21 AM
दुशांबे। ताजिक तकनीकी विश्वविद्यालय के ताजिकिस्तान आधुनिक आभियांत्रिकी कार्यशाला में उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा है कि भारत खासतौर पर मानव संसाधन विकास के क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में ताजिकिस्तान के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ताजिक तकनीकी विश्वविद्यालय में ‘ताजिकिस्तान आधुनिक आभियांत्रिकी कार्यशाला’ में हामिद अंसारी ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि भारत के प्रधानमंत्री और तजाकिस्तान के राष्ट्रपति के बीच मानव संसाधन विकास को लेकर हुई प्रतिबद्धता के फलस्वरूप इस आधुनिक आभियांत्रिकी कार्यशाला की स्थापना हुई।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों और आभियांत्रिकी फैकल्टी को व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान कर रही है और उनके कौशल को बढ़ावा देने में योगदान कर रही है। यह क्षमता निर्माण ताजिकिस्तान के विकास में निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, दोनों देशों के नागरिकों के कल्याण और विकास के लिए भारत ताजिकस्तान को पूर्ण सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। ताजिक तकनीकी विश्वविद्यालय ने फरवरी में हमारे उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी दिल्ली के साथ सहयोग संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे दोनों देशों के बीच अकादमिक सहयोग बढ़ेगा तथा साथ ही दोनों संस्थानों के बीच संयुक्त शोध और परियोजना कार्य को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने घोषणा की कि भारत सरकार ने ताजिक तकनीकी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एक सुपर-कंप्यूटर वाले सूचना प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र के निर्माण का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि विश्वास है कि यह केंद्र ताजिकिस्तान के युवाओं में सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा, पैन केंद्रीय एशिया ई-नेटवर्क परियोजना के प्रमुख बिंदुओं में एक होगा, जिसे भारत जल्द ही क्रियांवित करने की आशा करता है, ई-नेटवर्क भारत, टेली-शिक्षा के साथ टेली-मेडिसिन की सुविधा भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ताजिकिस्तान में आभियांत्रिकी विकास केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव करता है, जिससे उद्यमियों और रोज़गार प्रदाताओं का उद्भव होगा और रोज़गार तलाश करने वाले लोगों में कमी आएगी।