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Saturday 20 April 2013 09:48:25 AM
देहरादून। उत्तराखंड जलविद्युत निगम के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भेंट कर उन्हें बावला नंद प्रयाग व प्रस्तावित लघु पनबिजली परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चमोली जिले में 300 मेगावाट की बावला-नंद प्रयाग जलविद्युत परियोजना को मई माह में स्वीकृति मिल जाएगी, साथ ही कुल 500 मेगावाट की 37 लघु जलविद्युत परियोजनाएं शुरू करने के लिए औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने सुभाष कुमार को बावला नंदप्रयाग परियोजना के लिए जून-जुलाई माह में, जबकि 37 लघु जलविद्युत परियोजनाओं के लिए दिसंबर तक बीडिंग करवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक निवेश व आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा महत्वपूर्ण संसाधन है, बिजली परियोजनाओं में समयबद्धता व गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए, सभी तरह की औपचारिकताएं अविलंब पूरी की जाएं, बीडिंग सहित सभी प्रक्रियाओं में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए।
गौरतलब है कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 660 मेगावाट की किसाऊ बांध बहुउद्देशीय परियोजना पर संयुक्त उपक्रम के रूप में कार्य करने की सहमति बनी है। इसके अतिरिक्त 330 मेगावाट की धौलीगंगा, गौरीगंगा, 300 मेगावाट की लखवाड़ व 120 मेगावाट की व्यासी जलविद्युत परियोजनाओं को केंद्र से स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है। उत्तराखंड ऊर्जा सेक्टर निवेश कार्यक्रम के तहत जलविद्युत निगम पांच लघु जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण करा रहा है, जिनमें कालीगंगा-1 (2x2 मेगावाट), कालीगंगा-2 (2x3 मेगावाट), सोबला-1 (2x4 मेगावाट), मद्महेश्वर (3x5 मेगावाट) तथा काल्दीगाड़ (2x4.5 मेगावाट), लघु जल विद्युत परियोजनाएं निर्मित की जा रही हैं। कालीगंगा-1 से विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया गया है, जबकि कालीगंगा-2 एवं सोबला-1 को दिसंबर 2013 तक चालू कर दिया जाएगा। मद्महेश्वर एवं काल्दीगाड़ को क्रमशः मार्च 2015 एवं दिसंबर 2015 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।