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Monday 22 April 2013 08:46:15 AM
देहरादून। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ अजीज कुरैशी ने कालेज ऑफ इंजीनियरिंग, रूड़की के 10वें दीक्षांत समारोह में कहा है कि दीक्षा प्राप्त छात्रों की शिक्षा तभी सार्थक मानी जाएगी, जब वे अपने उच्च चारित्रिक गुणों तथा शिक्षा का उपयोग समाज के हित में करेंगे। राज्यपाल ने अपने प्रेरक संबोधन में स्वाधीनता के पश्चात दिए गए पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रथम भाषण का उल्लेख किया कि विद्यार्थियों के सक्षम हाथ समाज के अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति के आंसू पोछने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे देश के करोड़ों लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिलता, बच्चों को स्कूली शिक्षा नहीं मिलती, कईकेपास सिर छिपाने के लिए घर नहीं है, हमारी युवा पीढ़ी को इस स्थिति को ध्यान में रखकर कार्य करना होगा।
समाज के सबसे निर्धन, शोषित तथा कमजोर व्यक्ति के प्रति महात्मा गांधी के विचारों और कृत्यों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि सभी विद्यार्थी अपने कैरियर के साथ-साथ अपने उच्च चारित्रिक गुणों से सामाजिक व आर्थिक शोषण समाप्त करने की दिशा में कार्य करके सुखद सामाजिक परिवर्तन लाएंगे। राज्यपाल ने चारित्रिक गुणों के विकास पर विशेष बल देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने संस्थान के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विशेष रूप से सम्मानित किया। इनमें रितेश कुमार, कनिका अग्रवाल तथा श्वेता गौड़ को सेठ रौशन लाल जैन ट्राफी देकर पुरस्कृत किया गया। दीक्षांत समारोह में आठ सौ विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं। समारोह में राज्यपाल के परिसहाय मेजर चौधरी, उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डीएस चौहान, संस्था के अध्यक्ष केसी जैन सहित अनेक गणमान्य महानुभाव, अभिभावक उपस्थित थे।