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Friday 26 April 2013 05:26:26 AM
लखनऊ। मलेरिया शब्द इटली के मल अर्थात बुरी और एरिया अर्थात हवा से मिलकर बना है, इससे पूर्व इसे जंगल बुखार, मार्श बुखार, शेल्यूडल बुखार के नाम से भी जाना जाता था। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, संपूर्ण इलाज न होने पर यह जानलेवा हो सकती है। मलेरिया संक्रमित मादा एनॉफिलिस मच्छर के स्वस्थ मनुष्य को काटने पर परजीवी के संक्रमण से होता है। एनाफिलिस मच्छरों की लगभग 400 विभिन्न प्रजातियां हैं, किंतु इनमे से मात्र 30 रोगवाहक ही मलेरिया रोग के संचारण के लिए जिम्मेदार होती हैं। मलेरिया परजीवी की चार प्रजातियां पायी जाती हैं, प्लाजमोडियम बाइबेक्स, प्लाजमोडियम फालसीपैरम, प्लाजमोडियम मर्लेरी एवं प्लाजमोडियम ओबेल। इनमे से किसी भी एक का संक्रमण होने पर प्रारंभिक लक्षण ठंड लगकर बुखार, मतली, उल्टी, चक्कर आना व पीलिया होना इत्यादि पाए जाते हैं।
मलेरिया को सामान्यता दो भागों में बांटा जाता है-साधारण मलेरिया तथा जटिल मलेरिया। प्लाजेमोडियम फेल्सीपेरम होने पर उपचार में हुई देरी से रोगी की हालत बिगड़ सकती है और कई बार उसके अंग संक्रमित हो जाते हैं, जैसे-यकृत, पलीहा, किडनी बृक्क एवं आतें इत्यादि। मलेरिया या मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए घर एवं घर के आसपास बने गढ्ढों-नालियों, बेकार पड़े खाली डिब्बों, पानी की टंकियों, गमलों, टायर-ट्यूबों में पानी एकत्रित न होने दें, गढ्ढे एवं नालियों के रूके पानी मे मिट्टी के तेल, जले हुए मोबिल आयल की कुछ बूंदें अवश्य डालें, इसके साथ ही कूलर का पानी सप्ताह में एक बार बदलकर मिट्टी के तेल की कुछ बूंदें अवश्य डालें। बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि पूरी बाजू के कपड़े पहनें और शरीर के खुले अंगों पर क्रीम का उपयोग करें।
ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी के तेल के दिए केरोसिन लैंप में नीम का तेल मिलाकर जलाने से वह मच्छर विक्रर्शक का कार्य करता है। मलेरिया या मच्छर जनित रोगों से बचने के लिए कीटनाशक संशिक्त मच्छरदानियों का उपयोग करें, मलेरिया वाहक मच्छरों के नियंत्रण के लिए लार्वा भक्षी गैंबुशिया मछलियों के उपयोग पर भी जोर दिया गया है, इसके लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्यकर्ता से संपर्क करें। घरों में खिड़की व दरवाजों पर जाली लगवाएं, जिससे मच्छर घर के अंदर प्रवेश न कर पाएं। बुखार होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी अस्पताल में खून की जांच अवश्य करवाएं। मलेरिया धनात्मक पाएं जाने पर इसका संपूर्ण इलाज करवाएं, यह सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है।