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Saturday 4 September 2021 01:37:45 PM
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग (एनईजीडी) ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) दिल्ली और राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) भोपाल के साथ साइबर कानून, अपराध जांच और डिजिटल फोरेंसिक पर ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम हेतु एक साइबर लैब स्थापित करने केलिए एक समझौता किया है। राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग की ओर से अभिषेक सिंह अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनईजीडी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली की ओर से प्रोफेसर श्रीकृष्ण देवराव और राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय भोपाल की ओर से प्रोफेसर वी विजयकुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अजय प्रकाश साहनी सचिव इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।
अजय प्रकाश साहनी ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यक्रम को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायपालिका से भी कानून प्रवर्तन के व्यापक क्षेत्र से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एक ऑनलाइन कार्यक्रम होने के नाते इसमें अपार संभावनाओं की क्षमता है, इसके विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण केलिए विधि विद्यालयों को भी फोरेंसिक प्रयोगशालाओं के हब एंड स्पोक डिजाइन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का लक्ष्य पुलिस अधिकारियों, राज्य साइबर प्रकोष्ठों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, अभियोजकों और न्यायिक अधिकारियों को सक्षम बनाना है, ताकि वे सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं, मानकों और दिशा-निर्देशों को अपनाते हुए भारतीय साइबर कानून के अनुसार साइबर फोरेंसिक मामलों से कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निपटने केलिए आवश्यक कौशल हासिल कर सकें।
राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग ने एनएलआईयू भोपाल के सहयोग से अपने अधिगम प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से 1000 अधिकारियों को 9 महीने का ऑनलाइन पीजी डिप्लोमा प्रदान करने की पहल की है। यह कार्यक्रम शिक्षार्थियों को कभी भी कहीं भी चलते-फिरते सीखने का अनुभव करने में सक्षम बनाता है, पहला बैच नवंबर 2020 में शुरु हुआ था, जिसमें कुल 579 प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम केलिए मंजूरी प्रदान की गई थी। गौरतलब है कि प्रत्येक नामांकित प्रतिभागी को इस पाठ्यक्रम को सुविधाजनक बनाने केलिए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली के परिसर में स्थापित की जाने वाली निर्दिष्ट साइबर प्रयोगशाला में व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र और व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम से गुजरना होगा। प्रस्तावित साइबर प्रयोगशाला हाइब्रिड संरचना से लैस होगी, जो साइबर कानून, साइबर अपराध जांच और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण के वर्चुअल और फिजिकल मोड दोनों को सपोर्ट करती है।
प्रयोगशाला के एक प्रशिक्षण कक्ष में 25 उपयोगकर्ताओं की क्षमता होगी और एआर/वीआर सुविधाओं केसाथ एक निश्चित समय पर 25 उपयोगकर्ताओं केलिए रिमोट कनेक्टिविटी की भी सुविधा होगी। इसमें और भी विधि स्कूल या विश्वविद्यालय जैसे भारतीय राष्ट्रीय विधि स्कूल विश्वविद्यालय बैंगलोर, राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पटियाला आदि भविष्य के प्रयासों के लिए हब एंड स्पोक मॉडल में शामिल होंगे। विधि स्कूल वर्चुअल माध्यम से होने वाली कक्षाओं केलिए आवश्यक संकाय सदस्यों, विशेषज्ञता और सामग्री प्रदान करेंगे। राष्ट्रीय ई-शासन प्रभाग संकाय सदस्यों से प्राप्त समर्थन के आधार पर ई-सामग्री विकसित करेगा। एनएलआईयू भोपाल पाठ्यक्रम केलिए प्रमुख शैक्षणिक भागीदार होने के नाते सफलतापूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने वाले प्रतिभागियों को परास्नातक डिप्लोमा प्रमाणपत्र प्रदान करेगा।