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भारतीय इतिहास का पुनर्मूल्यांकन करें-नायडु

यारलागड्डा लक्ष्मी प्रसाद की 'गांधीटोपी गवर्नर' का विमोचन

'युवा भारत के स्वतंत्रता संग्राम और सेनानियों के बारे में पढ़ें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 16 December 2021 01:32:06 PM

venkaiah naidu releasing the book 'gandhitopi governor'

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने भारतीय इतिहास का पुनर्मूल्यांकन करने और उद्देश्यपूर्ण एवं बेहतर तथ्य आधारित शोध की आवश्यकता बताई। भारत के अतीत के औपनिवेशिक परिप्रेक्ष्य में तथ्यों को तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं पर अधिक पुस्तकों केसाथ भारतीय इतिहास केलिए एक नए दृष्टिकोण का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने युवाओं से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन से सबक लेने की अपील की। उन्होंने युवाओं से औपनिवेशिक शासन के दौरान भारतीयों के दिमाग में डाले गए फूट डालो और राज करो की मानसिकता से उबरकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति ने आंध्रप्रदेश राजभाषा आयोग के अध्यक्ष यारलागड्डा लक्ष्मी प्रसाद की पुस्तक गांधीटोपी गवर्नर का उपराष्ट्रपति निवास में विमोचन करते हुए विभिन्न भारतीय भाषाओं में स्वतंत्रता सेनानियों पर और अधिक पुस्तकें लाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहाकि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने राज्यों से इस संबंध में आगे आने और अपने-अपने क्षेत्रों के नेताओं पर किताबें प्रकाशित करने का आह्वान किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने ब्रिटिश प्रशासन में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, विधायक और मध्य प्रांत के राज्यपाल एडपुगंती राघवेंद्र राव को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह पुस्तक एडपुगंती राघवेंद्र राव के जीवन के बारे में बताती है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि राघवेंद्र राव ने ब्रिटिश सरकार में काम करते हुए भी स्वशासन और स्वराज केलिए अपना संघर्ष जारी रखा।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि राज्यपाल के रूपमें उन्होंने खादी का उपयोग करते हुए उसका प्रचार-प्रसार किया और दूसरों केलिए एक उदाहरण पेश किया। राघवेंद्र राव के सार्वजनिक जीवन में पालन किए गए अनुकरणीय मूल्यों का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि आज के कानून निर्माताओं को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं के निर्धारित उच्च मानकों का आत्मनिरीक्षण और अनुकरण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह याद रखना चाहिए कि वे संसद का अनादर और लोकतंत्र का स्तर नीचा नहीं कर सकते हैं। उपराष्ट्रपति ने लेखक यारलागड्डा लक्ष्मी प्रसाद और प्रकाशक विजय कुमार की पुस्तक को प्रकाशित करने में उनके प्रयासों की सराहना की। इस दौरान तमिलनाडु के पूर्व राज्यपाल पीएस राममोहन राव, एमेस्को बुक्स के सीईओ विजय कुमार और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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