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अभिनेता प्राण को मिला दादासाहेब फालके पुरस्‍कार

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Friday 10 May 2013 09:21:38 AM

dadasaheb phalke award for lifetime achievement to veteran actor pran kishan sikand (pran)

मुंबई। सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने शुक्रवार को भारतीय हिंदी सिनेमा के जाने-माने चरित्र अभिनेता प्राण किशन सिकंद 'प्राण' को निवास पर जाकर लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए प्रतिष्ठित दादासाहेब फालके पुरस्‍कार प्रदान किया। सूचना मं‍त्री इस उद्देश्‍य के लिए विशेष रूप से मुंबई गए थे। प्राण 3 मई 2013 को नई दिल्‍ली में आयोजित राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार समारोह में खराब स्वास्थ्य के कारण शामिल नहीं हो पाये थे। इस प्रतिष्ठित पुरस्‍कार में एक स्‍वर्ण कमल, प्रशस्ति पत्र, शाल और दस लाख रुपये नकद शामिल हैं।
इस अवसर पर मनीष तिवारी ने कहा कि भारतीय सिनेमा के शताब्‍दी वर्ष में प्राण साहब को व्‍यक्तिगत रूप में यह पुरस्‍कार प्रस्‍तुत करना गर्व की बात है, उन्‍होंने कहा कि प्राण इस पुरस्‍कार को प्राप्‍त करने के लिए सर्वाधिक योग्‍य व्‍यक्तियों में से हैं। मनीष तिवारी के साथ सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव उदय कुमार वर्मा और वरिष्‍ठ अधिकारी भी गए थे। दादासाहेब फालके पुरस्‍कार सिनेमा के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्‍च पुरस्‍कार है, जो भारत सरकार हर वर्ष एक ऐसी हस्‍ती को देती है, जिसने भारतीय सिनेमा के विकास में और इस माध्‍यम को बढ़ावा देने में विशेष योगदान दिया हो।
प्राण सिकंद, दादासाहेब फालके पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वाले 44वें व्‍यक्ति हैं। यह पुरस्‍कार भारतीय सिनेमा के जनक समझे जाने वाले दादासाहेब फालके के जन्‍म शताब्‍दी वर्ष 1969 में शुरू किया गया था। प्राण ने दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर के साथ 1950, 1960, और 1970 के दशक में अनेक फिल्‍मों में उत्‍कृष्‍ट अभिनय किया। आज़ाद, मधुमती, देवदास, दिल दिया दर्द लिया, राम और श्‍याम, आदमी, जिद्दी, मुनीमजी, अमरदीप, जब प्‍यार किसी से होता है, आह, चोरी-चोरी, जागते रहो, छलिया, जिस देश में गंगा बहती है और जंजीर आदि फिल्‍मों में प्राण के अभिनय को अत्‍यधिक सराहा गया। इनकी फिल्‍मों की सूची बहुत लंबी है।
वर्ष 1920 में पुरानी दिल्‍ली में जन्‍मे प्राण ने वर्ष 1940 में फिल्‍मों में काम करना शुरू किया। उन्‍होंने पहले फोटोग्राफी के क्षेत्र में कदम रखा, लेकिन एक फिल्‍म निर्माता के साथ अचानक हुई एक भेंट से उन्‍हें यमला जट नाम की फिल्‍म में पहली बार अभिनय का अवसर प्राप्‍त हुआ। छह दशक से अधिक समय में उन्‍होंने 400 से अधिक फिल्‍मों में काम किया और प्रत्‍येक फिल्‍म में उन्‍होंने नया स्‍टाइल प्रस्‍तुत किया। अपने अभिनय से उन्‍होंने दर्शकों को बहुत प्रभावित किया। भारत सरकार ने 2001 में प्राण सिकंद को पद्म भूषण पुरस्‍कार से भी सम्‍मानित किया था।

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