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Thursday 16 May 2013 08:37:41 AM
नई दिल्ली। परंपरागत मेडिसिन (योगा) में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोगी केंद्र के रूप में मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के योगा थेरेपी और प्रशिक्षण विभाग को हाल ही में चार वर्षों की अवधि के लिए नामित किया गया है। यह 2008 में किए गए प्रयासों का परिणाम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का इसका अपना संस्थागत नेटवर्क नहीं है, परंतु यह सदस्य देशों को स्वास्थ्य के विशिष्ट क्षेत्रों में कार्य करने के लिए इनकी पहचान करता है तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोगी केंद्रों के रूप में नामित करता है। विश्व में परंपरागत मेडिसिन के इसके 21 सहयोगी केंद्र हैं, किंतु भारत में ऐसा कोई नहीं था, जबकि भारत में आयुष की कई संस्थाएं हैं तथा आधुनिक मेडिसिन के 32 सहयोगी केंद्र हैं। इस मामले को आयुष विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के समक्ष उठाया था। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा, नई दिल्ली तथा इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद, जामनगर, गुजरात, इन दो आयुष संस्थाओं को अब परंपरागत मेडिसिन में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोगी केंद्रों के रूप में नामित किया गया है।