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Sunday 02 June 2013 11:55:51 AM
नई दिल्ली। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 की घोषणा कर दी है। नई प्रक्रिया रविवार से लागू भी हो गई है। इसका उद्देश्य रक्षा संबंधी खरीद की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत और प्रतिस्पर्द्धा को संतुलित करना, स्वदेशी रक्षा क्षेत्र के विकास में तेजी लाना और उच्च स्तर की पारदर्शिता, ईमानदारी और सार्वजनिक जवाबदेही तय करना है। इसके साथ ही स्वदेशीकरण को प्रोत्साहन देने और भारतीय उद्योग को बराबर अवसर उपलब्ध करने पर बल देना भी इसके उद्देश्य हैं।
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध इस दस्तावेज के प्राक्कथन में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आशा प्रकट की है कि रक्षा उद्योग के साथ खरीद एजेंसियों के लिए भी रक्षा खरीद प्रक्रिया-डीपीपी 2013 प्रगतिशील कदम होगा। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य स्वदेशीकरण की प्रक्रिया को तेज करने, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच बराबरी का माहौल तैयार करने और समग्र रूप से खरीद प्रक्रिया में तेजी लाना है। इस प्रक्रिया में भारतीय सामान की खरीद, भारत में निर्माण तथा श्रेणीकरण के अलावा स्वदेशी सामान की परिभाषा अधिक स्पष्ट करने तथा भारतीय खरीद और निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाने पर बल दिया गया है।
इसके अलावा आवश्यकता की स्वीकृति की वैधता भी दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष कर दी गई है तथा आवश्यकता की स्वीकृति प्रदान करने से पहले सेवा मात्रात्मक आवश्यकता का भी निर्धारण किया गया है। सेना मुख्यालय को ज्यादा वित्तीय अधिकार दिए गए हैं। इन सब उपायों से खरीद प्रक्रिया ज्यादा कारगर होने तथा खरीद में होने वाली देरी की समस्या दूर होने की आशा है।