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Tuesday 04 June 2013 09:48:21 AM
देहरादून। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने सोमवार को सचिवालय में प्रशासनिक सुधार आयोग की संस्तुतियों की समीक्षा की, ज्यादातर संस्तुतियां राज्य में लागू की गई हैं। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से जो संस्तुतियां नहीं लागू हो पाई हैं, उनको लागू करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
बैठक में बताया गया कि राज्य में ई-गवर्नेंस की दिशा में ठोस कदम उठाये गये हैं। वित्तीय प्रबंधन में ई-प्रक्योरमेंट, ई-पेमेंट, ई-स्टांपिंग लागू किया गया है। सभी कोषागारों और उपकोषागारों को ऑनलाइन किया गया है। विभागों के अपने पोर्टल हैं, जिन पर विभागीय गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध है। सचिव पंचायतीराज कुणाल शर्मा ने बताया कि सभी जनपदों में जिला नियोजन समितियां बनाई गई हैं, पंचायतों को कार्मिक प्रबंधन का अधिकार दिया गया है, जिला और नगर पंचायतों ने अपने आय के स्रोत सृजित किये हैं, ज्यादातर पंचायतों के पंचायत भवन बन गये हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन भास्करानंद ने बताया कि प्रशासनिक सुधार आयोग की संस्तुतियों को अमल में लाया गया है, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया गया है, आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण सतत रूप से दिया जा रहा है, इस कार्य में लगे कार्मिकों का कौशल विकास भी किया जाता है। सचिव सहकारिता कुणाल शर्मा ने बताया कि राज्य में सहकारी परिषद और राज्य निर्वाचन प्राधिकरण का गठन कर लिया गया है, 1012 सहकारी समितियां आत्म निर्भर हैं, अन्य समितियों को भी आत्म निर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है।
बैठक में सचिव लोनिवि एसएस संधू, सचिव वित्त डीएस गर्ब्याल, सचिव सामान्य प्रशासन एसएस रावत, कमिश्नर गढ़वाल सुबर्धन, अपर सचिव लोनिवि अमित नेगी, अपर सचिव गृह मंजुल कुमार जोशी, जिलाधिकारी देहरादून वीबीआरसी पुरूषोत्तम, जिलाधिकारी हरिद्वार निधि पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।