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Thursday 06 June 2013 08:44:01 AM
भोपाल। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरूवार को भोपाल में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार तथा जनता के बीच भाषा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, सामाजिक कल्याण तथा विकास के कार्यक्रमों की सफलता भाषा पर निर्भर करती है, इसलिए हमें हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देना चाहिए, हमारे राष्ट्र को जोड़ने में हिंदी का अह्म योगदान है, यह भारत की सामाजिक तथा सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। इस अवसर पर 'अटल संवाद' नामक एक न्यूज़लेटर भी जारी किया गया, जिसकी पहली प्रति राष्ट्रपति को भेंट की गई।
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज और राष्ट्र के विकास में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध अत्यंत चिंता का विषय हैं, इसके अलावा, हमारे समाज को आत्मचिंतन करते हुए नैतिकता में हो रहे पतन को भी रोकने की जरूरत है, हमारे विश्वविद्यालयों को नैतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक अभियान चलाना होगा। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे युवाओं में देश के प्रति प्रेम, दायित्वों का निर्वाह, सभी के प्रति करुणा, भिन्नताओं का सम्मान, महिलाओं और बुजुर्गों का आदर, जीवन में सच्चाई और ईमानदारी, आचरण में अनुशासन तथा कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी की भावना हो।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि2010-20 के दशक को अभिनव प्रयोग का दशक घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने, मुझे उत्तर प्रदेश और असम के दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इनोवेशन क्लबों के उद्घाटन का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि मैंने विश्वविद्यालयों में आयोजित प्रदर्शनियों को भी देखा। उन्होंने विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह अपने यहां भी नवान्वेषण संस्कृति शुरू करने के लिए पहल करे।