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श्रीलंका में संविधान संशोधन से तमिल निराश

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Wednesday 19 June 2013 07:39:33 AM

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वे श्रीलंका में तमिल समुदाय के कल्‍याण और भलाई को लेकर बेहद चिंतित हैं। प्रधानमंत्री ने भारत की यात्रा पर आए तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के शिष्‍टमंडल से कहा कि उन्‍हें श्रीलंका में उत्‍तरी प्रांतीय परिषद के चुनाव से पहले श्रीलंका की सरकार के 13वें संविधान संशोधन के कुछ प्रावधानों को कमजोर किए जाने के प्रस्‍ताव से जुड़ी खबरों से नि‍राशा हुई है, इससे भारत और श्रीलंका के तमिलों में भी बड़ी निराशा है। तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के शिष्‍टमंडल ने गुरूवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
श्रीलंका सरकार के 13वें संविधान संशोधन के इन प्रस्‍तावित बदलावों ने श्रीलंका सरकार के संयुक्‍त राष्‍ट्र सहित भारत और अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को किए गए उसके वायदों के प्रति संदेह पैदा किया है, जिसमें श्रीलंका ने कहा था कि वह 13वें संशोधन के तहत राजनीतिक हल निकालेगा। यह बदलाव, श्रीलंका सरकार के गठित लेसन लरंट और रिकंसिलिएशन कमीशन (एलएलआरसी) की सिफारिशों के साथ भी मेल नहीं खाता ‌है, जिसमें प्रांतों को शक्ति हस्‍तांतरित करने के आधार पर राजनीतिक हल निकालने की बात कही गई थी। प्रधानमंत्री ने आशा व्‍यक्‍त की कि श्रीलंका के तमिल समुदाय को भी अन्‍य नागरिकों की तरह सम्‍मान से जीने का अवसर मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि भारत तमिल समुदाय के लिए समानता, न्‍याय और आत्‍मसम्‍मान पर आधारित भविष्‍य सुनिश्चित करने की दिशा में हर संभव प्रयास करेगा।

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