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Wednesday 19 June 2013 07:59:52 AM
मुंबई। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) मुंबई और मेसर्स डीपी वर्ल्ड की सहायक कंपनी, नव सेवा (इंडिया) गेटवे टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड ने जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह पर विशेष उद्देश्य कंटेनर लदान सुविधा विकसित करने के लिए एक रियायती समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री जीके वासन और मेसर्स डीपी वर्ल्ड के अध्यक्ष सुल्तान अहमद बिन सुलेमान उपस्थित थे। इस समझौते के अंतर्गत रियायत पाने वाली कंपनी 600 करोड रूपए की अनुमानित लागत से 330 मीटर की घाट की लंबाई का टर्मिनल विकसित करेगी। अनुमानित क्षमता वर्धन प्रति वर्ष 0.8 मिलियन टीईयू (एक टीईयू 20 फुट के बराबर की इकाई) की होगी। यह परियोजना दिसंबर 2015 तक पूरी होगी।
परियोजना का संचालन डीबीएफओटी (डिजाइन, निर्माण, वित्तीय संचालन तथा हस्तांतरण) के आधार पर करीब 17 वर्ष के रियायती अवधि के लिए होगा। जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट ने इसके लिए वैश्विक निविदा जारी की थी, जिसमें डीपी वर्ल्ड नीलामी में बोली लगाने वाली सफल कंपनी थी। बंदरगाह में 28.9 प्रतिशत राजस्व साझेदारी के साथ इस कंपनी ने इस परियोजना के अमल के लिए विशेष उद्देश्य वाहक कंपनी नव सेवा (इंडिया) गेटवे टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड गठित की है। समझौते पर जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट की ओर से इसके अध्यक्ष एनएन कुमार और नव सेवा गेटवे टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड की ओर से इसके वरिष्ठ उपाध्यक्ष और डीपी वर्ल्ड (सब कंटीनेंट) के प्रबंधक निदेशक अनिल सिंह ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर पोत परिवहन मंत्री जीके वासन ने कहा कि प्रमुख बंदरगाहों के क्षमतावर्धन परियोजनाओं को आवंटित किए जाने की दृष्टि से वर्ष 2012-13 के दौरान मंत्रालय की उपलब्धि बहुत अच्छी रही है। इससे 6765 करोड़ रूपये के अनुमानित निवेश से 137 एमएमटीपीए (प्रति वर्ष मिलियन मीट्रिक टन) की क्षमता वृद्धि होगी। यह अब तक के इतिहास में किसी भी वर्ष का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह भारत में कंटेनर की ढुलाई का सबसे बड़ा बंदरगाह है, जहां देश में कंटेनर कार्गों के 44 प्रतिशत की ढुलाई होती है। दुनिया के 100 सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाहों में अभी इसका 26वां स्थान है।