Sunday 1 October 2023 03:05:06 PM
हेम पंत
देहरादून। बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वाराहाट में 1, 2 और 3 सितंबर 2023 को 'द्वाराहाट किताब कौतिक' का बड़ा आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 50 प्रकाशकों की 40 हजार किताबें बिक्री केलिए उपलब्ध कराई गई थीं। 'द्वाराहाट किताब कौतिक' आयोजन में बाल साहित्य, पर्यटन, विज्ञान, इतिहास, विश्व साहित्य, धार्मिक, आध्यात्मिक सहित पाठकों की रुचि के अनुसार हर तरह का साहित्य था। आरंभ (पिथौरागढ़) और बुक्स ट्री (रुद्रपुर) के स्टॉल पर पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ देखी गई। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ यशीधर मठपाल, बीटीकेआईटी के निदेशक डॉ केकेएस मेर और कुलपति डॉ बीएस बिष्ट ने किया। इस अवसर पर बाहर के अतिथि और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
द्वाराहाट किताब कौतिक में विषय विशेषज्ञों ने बग्वालीपोखर, कफड़ा नौगांव, द्वाराहाट, बसभीड़ा और चौखुटिया आदि स्थानों पर स्थानीय पर्यटन, लोककला, रंगमंच, रक्षा विज्ञान, औषधीय पौधों, स्वरोज़गार, पत्रकारिता, बाल साहित्य के 12 स्टॉलों पर 15 स्कूलों के बच्चों को जानकारियां दीं। पूर्व छात्र डॉ शैलेश खर्कवाल और अमेरिका से डॉ शैलेश उप्रेती ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर संस्थान के छात्र छात्राओं से वार्ता की। संजीव भगत (पहाड़ पर स्वरोज़गार), भूपेश जोशी (रंगमंच से व्यक्तित्व विकास) और राजेश भट्ट (प्रकृति से जुड़ाव) ने विद्यार्थियों के सत्रों को संबोधित किया। इन छात्रों से लेखन, इतिहास, रक्षा विज्ञान, कृषि और पत्रकारिता के विशेषज्ञों ने अलग अलग सत्र में बातचीत की। तीन हजार से ज्यादा लोगों ने इस मेले में शिरकत की और लगभग 4 हजार किताबों की बिक्री हुई।
द्वाराहाट किताब कौतिक में आमंत्रित लेखकों और साहित्यकारों से स्थानीय लोगों की सीधी बातचीत हुई। बड़ी संख्या में बच्चों, युवाओं और स्थानीय नागरिकों ने किताबें देखीं और खरीदीं। बीटीकेआईटी पॉलिटेक्निक और डिग्री कॉलेज के छात्र और छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुईं। स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम, पेंटिंग प्रतियोगिता, ऐपण प्रतियोगिता, कविता वाचन, फोटोग्राफी आदि गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भागीदारी की। रचनात्मक योगदान के लिए वरिष्ठ साहित्यकार त्रिभुवन गिरी महाराज और विश्वंभर दत्त जोशी शैलज को सम्मानित किया गया। स्थानीय स्कूली बच्चों ने परंपरागत वाद्ययंत्रों के साथ सलंकार लोकनृत्य की प्रस्तुतियां दीं। कौस्तुभ चंदोला और विश्वंभर दत्त जोशी की 4 नई किताबों का विशेष अतिथियों ने विमोचन किया। प्रोफेसर अनिल जोशी अल्मोड़ा ज़िले का वैभवशाली इतिहास विषय पर बोले। प्रसिद्ध लेखिका डॉ हेमा उनियाल ने मानसखंड-नए संदर्भ विषय पर दीप्ति भट्ट से बातचीत की। प्रोफेसर दिवा भट्ट और डॉ दीपा तिवारी ने यात्रा लेखन पर वार्ता की। पंकज बिष्ट और प्रोफेसर भूपेन सिंह ने सोशल मीडिया और पत्रकारिता विषय विचार रखे।
प्रसिद्ध रंगकर्मी डॉ सुवर्ण रावत ने उत्तराखंड में रंगमंच विषय पर वक्तव्य दिया। द्वाराहाट किताब कौतिक में स्थानीय और बाहर से आमंत्रित लगभग 35 कवियों ने कवि सम्मेलन में रचनाएं प्रस्तुत कीं। सांस्कृतिक संध्या में घुघुति जागर टीम, लोकगायक नंद लाल आर्य, फाग रंगमंच टीम ने सुंदर गीत गाए। अतिथियों को स्थानीय भोज खिलाए गए-भट्ट, पहाड़ी रायता, आम की चटनी, झंगोरे की खीर आदि। नक्षत्र अल्मोड़ा ने आधुनिक दूरबीनों के साथ लगभग 800 लोगों को खगोल विज्ञान से जुड़ी जानकारियां दीं। वर्चुअल रिएलिटी के माध्यम से सौर परिवार और चंद्रमा की सैर कराई गई। चंद्रयान-3 से जुड़ी जानकारियों को लेकर लोगों में विशेष उत्साह था। पहरू ने स्थानीय भाषाओं की किताबों का स्टॉल लगाया था। गुड़गांव की यामिनी पांडे ने ऐपण कलाकारी का स्टॉल लगाया। पिरुल हस्तशिल्प विशेषज्ञ मंजू आर साह ने अपनी विशेष कला को स्टॉल पर प्रदर्शित किया, योगदा आश्रम ने आध्यात्म पर स्टॉल लगाया। पुष्पा फर्त्याल (शहरफाटक) ने कठपुतलियों से परंपरागत वेशभूषा और महिलाओं के दैनिक कार्यों का सुंदर चित्रण किया। स्वास्थ्य विभाग अल्मोड़ा ने रक्तदान शिविर लगाया था, जिसमें लगभग 35 यूनिट रक्त प्राप्त हुआ।
लखनऊ और प्रयागराज से आए विशेषज्ञों ने मिशन इंटर कॉलेज में छात्र-छात्राओं को कैरियर से जुड़े टिप्स दिए। नेचर वॉक के दौरान सीटीआर से आए राजेश भट्ट ने बर्ड वॉचिंग और वनस्पति विज्ञानी डॉ बीएस कालाकोटी ने रास्ते पर मिल रही जड़ी-बूटियों के बारे में जानकारी दीं। भूतपूर्व स्वास्थ्यनिदेशक डॉ ललित उप्रेती ने रक्तदान, नेत्रदान और अंगदान की जरूरत पर जगमोहन रौतेला केसाथ बात रखी। स्थानीय भाषा का शिक्षा में महत्व विषय पर उदय किरौला ने वक्तव्य दिया। अतिथियों को आसपास के पर्यटन स्थल, मंदिरों का भ्रमण करवाया गया। दस युवा चित्रकारों के उत्तराखंड की संस्कृति पर बनाए गए चयनित चित्र भेंट किए।