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बिजली के लिए कोयले की आपूर्ति व्यवस्था मंजूर

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Friday 21 June 2013 08:14:32 AM

coal

नई दिल्‍ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बिजली उत्पादनकर्ताओं के लिए कोयले की आपूर्ति व्यवस्था को मंजूरी दे दी है।कोल इंडिया लिमिटेड कुल 78000 मेगावाट क्षमता के लिए ईंधन आपूर्ति समझौते ( एफएसए) पर हस्ताक्षर करेगा। इसमें धीरे-धीरे कम होने वाली संयोजन प्रणाली भी शामिल है। इसे 31 मार्च 2015 तक आरंभ किए जाने की संभावना है। कुल घरेलू उपलब्धता और वास्तविक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 12 वीं पंचवर्षीय योजना के बाकी के चार वर्षों के लिए घरेलू कोयले की 65 प्रतिशत, 67 प्रतिशत और 75 प्रतिशत वार्षिक अनुबंध की मात्रा ( एसीक्यू) के लिए एफएसए पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
एफएसए की देनदारी के लिए कोल इंडिया लिमिटेड कोयले का आयात कर सकता है और इच्छुक ताप बिजली घरों (टीपीपी) को लागत और नियत लाभ आधार पर इसकी आपूर्ति कर सकता है। आयातित कोयले की ऊंची कीमत पर मंजूरी के लिए केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के सुझाए गए तौर तरीके के तहत विचार किया जाएगा। कोयला मंत्रालय नई कोयला वितरण नीति के साथ ही उपयुक्त अनुपूरक आदेश जारी करेगा। पेट्रोलियम मंत्रालय आवश्यक होने पर बोली संबंधी दिशा-निर्देशों में संशोधन के साथ ही केंद्रीय बिजली नियामक आयोग/ राज्य बिजली नियामक आयोगों को उचित परामर्श जारी करेगा, ताकि वे मामले दर मामले के आधार पर आयातित कोयले की ऊंची कीमत के बारे में फैसला कर सकें।
देश में 4660 मेगावाट क्षमता वाले ताप बिजली घरों और इसी तरह के अन्‍य संयंत्रों को कोयला आपूर्ति करने की व्‍यवस्‍था का पता लगाया जाएगा, जिनका कोयला प्राप्‍त करने का कोई सिलसिला नहीं है, पर जिन्‍हें 31 मार्च, 2015 तक आरंभ किया जाना है और जिनका उच्‍च बैंक जोखिम सहित दीर्घकालीन बिजली खरीद समझौता हो चुका है और जो उपर्युक्‍त निर्णयों को प्रभावित नहीं करते। ताप विद्युत संयंत्रों की आवश्‍यकता अनुसार घरेलू स्‍तर पर कोयले की आपूर्ति में समय-समय पर कमी को देखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड कोयले के आयात का एक प्रस्‍ताव मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति-सीसीईए की मंजूरी के लिए रखा गया था।
पांच फरवरी 2013 को हुई बैठक में सीसीईए ने लागत और नियत लाभ/ मूल्‍यों के संग्रहीकरण के आधार पर कोयले के आयात के लिए कुछ दिशा-निर्देश तय किए थे और अंर्तमंत्रालयी समिति गठित करने के भी निर्देश दिए थे, ताकि वे 31 मार्च, 2015 तक आरंभ किए जाने वाले कुल 16,000 मेगावाट की क्षमता वाले बिजली संयंत्रों के मामलों पर गौर करें, जिनका कोयला सीधे प्राप्‍त करने का कोई साधन नहीं है।
समिति की सिफारिशों के आधार पर 22 अप्रैल 2013 को सीसीए की बैठक में आगे विचार किया गया। सीसीए ने अन्‍य बातों के अलावा प्रतियोगी बोली के आधार पर बिजली खरीद समझौतों के मामले में उच्‍च कीमत पर आयातित कोयला मंगाने की मंजूरी देने की संभावना पर विचार करने के निर्देश दिए थे। निर्देशों का अनुसरण करते हुए विद्युत मंत्रालय और अन्‍य मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद कोयला मंत्रालय ने रखे गए संशोधित प्रस्‍ताव पर मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने विचार किया था।

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